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पटियाला जेल में बंद भाई राजोआना 11 जनवरी से शुरू करेंगे भूख हड़ताल, अपनी बहन को खत के जरिए दी जानकारी

पंजाब के महरूम पूर्व मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह के कत्ल के मामले में सजायाफता 52 वर्षीय बलवंत सिंह राजोआना 11 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

03:32 PM Dec 28, 2019 IST | Shera Rajput

पंजाब के महरूम पूर्व मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह के कत्ल के मामले में सजायाफता 52 वर्षीय बलवंत सिंह राजोआना 11 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : पंजाब के महरूम पूर्व मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह के कत्ल के मामले में सजायाफता 52 वर्षीय बलवंत सिंह राजोआना 11 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करेंगे। यह भूख हड़ताल देश के महामहिम राष्ट्रपति के पास पिछले 8 सालों से लंबित पड़ी अपील के कारण है। 
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इस बारे में जानकारी देते हुए भाई राजोआना की बहन कमलदीप कौर ने बताया कि भाई राजोआना पहले भी 2 बार जेल की सलाखों के पीछे भूख हड़ताल कर चुके है। राजोआना ने भूख हड़ताल की घोषणा अपनी बहन को लिखे एक खत में की है। जिसमें बताया गया है कि वह सिख मामलों को लेकर दुबारा भूख हड़ताल पर बैठेंगे। कमलदीप कौर ने बताया कि उनके भाई संबंधित शिरोमणि कमेटी और अकाली दल कोई भी संजीदगी नहीं दिखा रहा, जिस कारण वह ऐसा करने को मजबूर है। 
उन्होंने कहा कि शिरेामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान स. किरपाल सिंह बंडूगर और मोजूदा प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल भाई राजोआना को 2 बार लिखित भरोसा देकर भूख हड़ताल बंद करवा चुके है लेकिन भूख हड़ताल समाप्त होने के बाद कोई भी उचित कदम नहीं उठाएं गए। राजोआना की बहन ने यह भी कहा कि ना तो उन्हें कोई वरिष्ठ वकील मुहैया करवाया जा रहा है और ना ही उनकी कोई सुनवाई हो रही है। कमलजीत कौर ने यह भी कहा कि देश के गृह मंत्री के साथ उनकी मुलाकात नहीं करवाई जा रही और ना ही राष्ट्रपति उनकी अपील पर कोई फैसला नहीं ले रहे।
स्मरण रहे कि भाई बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा उम्रकैद में ना बदले जाने से पूरा सिख जगत हैरान और परेशान है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने लुधियाना के सांसद और महरूम मुख्यमंत्री स. बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिटटू के संसद सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर स्पष्ट किया था कि मीडिया रिपोर्टो पर ना जाया जाएं और अभी राजोआना की फांसी की सजा उम्रकैद में नहीं बदली गई। जबकि गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाशा पर्व के अवसर पर 8 सिख कैदियों की रिहाई और भाई राजोआना की फांसी की सजा को उम्रकैद में तबदील किए जाने का फैसला हुआ था। 
– सुनीलराय कामरेड
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