For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

BRS नेता के. कविता की दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुश्किलें बढ़ी

02:50 PM Mar 26, 2024 IST | Deepak Kumar
brs नेता के  कविता की दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुश्किलें बढ़ी

दिल्ली आबकारी नीति मामले में शामिल आरोपियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है चाहे वो मुख्यमंत्री के बच्चे हो या कोई खुद मुख्यमंत्री हो ईडी का शिकंजा लगता कसता जा रहा है। आरोपी और उनके समर्थक लगातार इस मामले में अपना बचाव करते नज़र आ रहे है। लेकिन कोर्ट जब तक निश्चित परिणाम पर नहीं पहुंच जाता कुछ भी कहना जल्द बाजी होगी। इस मामले में आरोपी नेता के कविता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज गया ।

  • के कविता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
  • लाइसेंस के बदले में आप को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत
  • कविता के वकील ने सीलबंद कवर में एजेंसी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को देखने की अनुमति मांगी

16 मार्च को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कविता से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध नहीं किया जिसके बाद विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह आदेश पारित किया। बीआरएस नेता को 16 मार्च को सात दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा गया था और इसे पिछले शनिवार को तीन दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। सुनवाई के दौरान बीआरएस नेता कविता के वकील नीतेश राणा ने अदालत से अपनी मुवक्किल के बेटे की परीक्षा के आधार पर उन्हें अंतरिम जमानत दिए जाने का अनुरोध किया।

लाइसेंस के बदले में आप को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत

ईडी के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अगर अंतरिम जमानत पर विचार किया भी जाना है तो जवाब दाखिल करने का अवसर दिया जाना चाहिए।
ईडी ने रेखांकित किया कि अंतरिम और नियमित जमानत दोनों के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कड़े प्रावधान हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता उस ‘साउथ ग्रुप’ की अहम सदस्य थीं, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में शराब लाइसेंस के बदले में ‘आप’ को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।

प्रस्तुत दस्तावेजों को देखने की मांगी अनुमति

कविता (46) को केंद्रीय जांच एजेंसी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था। कविता के वकील ने पीएमएलए के प्रावधानों 19 (2) के तहत सीलबंद कवर में एजेंसी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को देखने की भी अनुमति मांगी। प्रावधान के अनुसार, गिरफ्तारी के तुरंत बाद संबंधित प्राधिकारियों को गिरफ्तारी आदेश को अपने पास मौजूद सामग्री के साथ अदालत को भेजना होता है।

 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Author Image

Deepak Kumar

View all posts

राजनीतिक पत्रकारिता के साथ मनोरंजन और क्रिकेट में भी रूचि रखता हूँ। पत्रकारिता में परास्नातक के साथ एक वर्ष का रिपोर्टिंग और एंकरिंग में डिप्लोमा है। सड़क से लेकर स्टूडियो तक का सफर आसान ना था जिसमे मुझे विशेष शो लाने के लिए भी कहा गया। लेकिन अब तो मानो कैमरे और माइक मेरे दोस्त हो गए हो...और हा में लिखता भी हूँ

Advertisement
×