क्रूर पाकिस्तानी तानाशाह जिया उल हक भी थे लता जी के मुरीद, स्वर कोकिला के लिए कही थी ये बात
पाकिस्तान के क्रूर तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया उल हक को अपने देश में महिलाओं की संगीत और अन्य कला प्रस्तुति पर प्रतिबंध लगाने के लिए जाना जाता है, लेकिन वह भी लता मंगेशकर की सुरीली आवाज के जादू से अछूते नहीं रह सके थे।
04:31 PM Feb 06, 2022 IST | Ujjwal Jain
Advertisement
पाकिस्तान के क्रूर तानाशाह जनरल मुहम्मद जिया उल हक को अपने देश में महिलाओं की संगीत और अन्य कला प्रस्तुति पर प्रतिबंध लगाने के लिए जाना जाता है, लेकिन वह भी लता मंगेशकर की सुरीली आवाज के जादू से अछूते नहीं रह सके थे और उन्होंने एक बार खुद स्वीकार किया था कि वह भारत की ‘स्वर कोकिला’ का प्रशंसक हैं।
Advertisement
92 वर्ष की उम्र में लता जी का हुआ निधन
Advertisement
लता मंगेशकर (92) का रविवार को मुंबई स्थित एक अस्पताल में निधन हो गया। वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे। उन्हें आठ जनवरी को ब्रीच कैंडी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर प्रतीत समदानी और उनकी टीम उनका इलाज कर रही थी।
Advertisement
इंटरव्यू में जिया उल हक़ ने की थी लता जी की तारीफ
एक पुराने साक्षात्कार के अनुसार 1982 में दिवंगत भारतीय पत्रकार कुलदीप नैयर के साथ बात करते हुए जिया ने मंगेशकर की प्रशंसा की बात स्वीकार की थी। साक्षात्कार के दौरान नैयर ने जिया को यह कहकर ताना मारा कि भारतीय कहते हैं कि जब भी वे किसी सांस्कृतिक दल को पाकिस्तान ले जाना चाहते हैं तो पाकिस्तान में उसका स्वागत नहीं होता। ऐसे ही एक दल में लता मंगेशकर समेत कुछ प्रमुख महिला गायिकाएं शामिल थीं।
मुझे खुद उनके गाने पसंद है – हक़
उस समय पाकिस्तान के इस्लामीकरण की शुरुआत करने वाले जिया ने कहा था, ”मैं जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मुझे खुद लता मंगेशकर के गीत पसंद हैं, लेकिन अगर आप उन्हें गाने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहते हैं, तो मैं अभी इसे मना करुंगा, क्योंकि यह मौजूदा पाकिस्तानी भावना के अनुकूल नहीं है।”
जिया उल हक़ ने पाकिस्तान में शुरू किया था इस्लामीकरण
जिया ने 1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने के बाद सैन्य तख्तापलट कर सत्ता संभाली थी। उन्होंने अपने चुने हुए न्यायाधीशों के माध्यम से भुट्टो को हत्या के एक मामले में फांसी की सजा दिलवाई थी। जिया ने पाकिस्तान के इस्लामीकरण की अपनी योजना के दौरान इस्लाम के नाम पर कई पाबंदियां लगाई थी, जिसमें महिला कलाकारों की प्रस्तुति पर पाबंदी भी शामिल थी। वह 1978 में पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने थे और 1988 में विमान दुर्घटना में मारे जाने तक इस पद पर रहे थे।

Join Channel