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KIYG:बस ड्राइवर की बेटी Tannu नें मेडल जीत पिता को गौरव महसूस कराया

01:50 PM Jan 31, 2024 IST | Sourabh Kumar
kiyg बस ड्राइवर की बेटी tannu नें मेडल जीत पिता को गौरव महसूस कराया

एक बाप-बेटी की कहानी काफी दिलचस्प है।

HIGHLIGHTS

  • हरियाणा में एक स्कूल बस ड्राइवर जगदीश ने फैसला किया कि उनकी बेटी Tannu एक पहलवान बनेगी
  • इसबार पिता जगदीश साथ नहीं थे
  • Tannu ने कहा, मेरे पिता स्वर्ण पदक से खुश होते, लेकिन यह ठीक है

साक्षी मलिक को देख Tannu ने खेलने का ठाना

जब आठ वर्षीय Tannu सुबह 4.30 बजे अपने पिता जगदीश गुलिया के साथ 2016 रियो ओलंपिक में भारतीय महिलाओं की कुश्ती देख रहीं थी। उस समय साक्षी मलिक ने अंतिम क्षणों में मुकाबला पलटते हुए कांस्य पदक हासिल किया। यह वही क्षण था जब जगदीश और Tannu दोनों ने जश्न मनाते हुए एक-दूसरे को गले लगा लिया, और यही से Tannu का एक खिलाड़ी के रूप में सफर शुरू हुआ।

पिता ने बेटी को कुश्ती में भेजने का ठाना

हरियाणा में एक स्कूल बस ड्राइवर जगदीश ने फैसला किया कि उनकी बेटी Tannu एक पहलवान बनेगी। दूसरी ओर, Tannu एक एथलीट के रूप में मिलने वाली यात्रा के अवसरों के बारे में सोचकर और भी अधिक उत्साहित थी। दिलचस्प बात यह है कि मंगलवार को यहां राजारथिनम स्टेडियम में 65 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर वह उस सपने के एक कदम और करीब पहुंच गईं। Tannu ने कहा, मेरे पिता स्वर्ण पदक से खुश होते, लेकिन यह ठीक है। पिछले संस्करण के विपरीत जहां मैं दूसरे दौर में बाहर हो गई थी और खाली हाथ लौटी थी, इस बार मेरे पास अपने पिता को दिखाने के लिए कुछ तो है।

इसबार पिता जगदीश साथ नहीं थे

आमतौर पर, उनके पिता ज्यादातर प्रतियोगिताओं में उसके साथ यात्रा करते हैं, लेकिन इस बार उनके स्कूल ने उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की, इसलिए उनके साथ उनके चाचा नरेंद्र और छोटी चचेरी बहन साक्षी भी थीं, जो पदक नहीं जीत सकी। तन्नु ने अब तक यहां कांस्य पदक समेत चार पदक जीते हैं। उन्होंने 2023 में अंडर-19 स्कूल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। 2022 में अंडर-17 कैडेट रैंकिंग सीरीज़ में कांस्य और 2019 में अंडर-14 स्कूल नेशनल गेम्स में कांस्य पदक अपने नाम किया।

अगले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मेडल लाउँगा-Tannu

Tannu ने कहा, अगले खेलो इंडिया यूथ गेम्स में आप मुझे स्वर्ण पदक लेते हुए देखेंगे। मैं कोई कसर नहीं छोड़ूंगी और यहां से कड़ी मेहनत करूंगी। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मिले अवसर और पदक ने मुझे काफी उत्साहित किया है। मुझे पता है कि मैं बड़े पुरस्कारों की हकदार हूं और इससे अधिक बेहतर कर सकती हूं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने अपनी कम कमाई के बावजूद उनके लिए सब कुछ किया है। साथ ही मुझे मजबूत रखने के लिए वह मुझे सब कुछ खिलाते हैं। मेरे चाचा ने एक भैंस भी खरीदी है ताकि दूध और घी की कोई कमी न हो।

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Sourabh Kumar

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