भारत में डेटा चोरी की औसत लागत उच्च स्तर पर पहुंची, IBM ने बताई रिपोर्ट
Data Breach: IBM की नवीनतम डेटा उल्लंघन लागत रिपोर्ट ने भारत में डेटा उल्लंघनों के वित्तीय प्रभाव में वृद्धि का खुलासा किया है, जो 2024 में 195 मिलियन रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँच गया है। यह 2020 से 39 प्रतिशत की वृद्धि और पिछले वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
भारत में बढ़ी डेटा चोरी
IBM ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया कि, वैश्विक स्तर पर उल्लंघन का शिकार हुए 70 प्रतिशत संगठनों ने व्यवधान की सूचना दी। भारत में, खोया हुआ व्यवसाय - जिसमें परिचालन डाउनटाइम, ग्राहकों की हानि और प्रतिष्ठा को नुकसान शामिल है - ने उल्लंघन की लागत में लगभग 45 प्रतिशत की वृद्धि की, जबकि अधिसूचना लागत पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़ी। बता दें इसका पता लगाने और बढ़ाने की लागत में भी लगभग 7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, जो उल्लंघन की जांच की जटिल प्रकृति को दर्शाती है, जो देश में उल्लंघन की लागत का सबसे बड़ा हिस्सा है।
इसने कई स्कैम्स को दिया बढ़ावा
IBM इंडिया और साउथ एशिया के प्रौद्योगिकी उपाध्यक्ष विश्वनाथ रामास्वामी ने कहा, "इस साल की आईबीएम कॉस्ट ऑफ ए डेटा ब्रीच रिपोर्ट के निष्कर्ष साइबर सुरक्षा के लिए एक सक्रिय और एकीकृत एआई-संचालित दृष्टिकोण के महत्व को पुष्ट करते हैं। जैसे-जैसे साइबर हमले गति और जटिलता प्राप्त करते हैं, संगठनों पर उनका प्रभाव बहुआयामी होता जाता है, जो प्रतिष्ठा, वित्तीय और परिचालन पहलुओं को प्रभावित करता है।" उन्होंने कहा, "यह देखते हुए कि भारत डीपीडीपी अधिनियम 2023 के रोलआउट के लिए तैयार हो रहा है, व्यवसायों को ऐसे हमलों के नियामक निहितार्थों का आकलन करने और एंड-टू-एंड अनुपालन सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है। इसलिए, डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देना और महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा करना यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि केवल सही लोगों को ही संगठनात्मक संसाधनों तक पहुँच हो," रिपोर्ट में भारत में सबसे आम प्रारंभिक हमले के प्रकारों के रूप में फ़िशिंग और चोरी या समझौता किए गए क्रेडेंशियल्स की पहचान की गई है, जिनमें से प्रत्येक 18 प्रतिशत घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद क्लाउड मिसकॉन्फ़िगरेशन 12 प्रतिशत है।
(Input From ANI)
नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है।
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