देश में चल रहे वित्त वर्ष में, पिछले छह महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 24 प्रतिशत की गिरावट हो रही है। जिससे इक्विटी प्रवाह 20.48 अरब डॉलर रहा है। इसकी प्रमुख वजहें हैं कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन और औषधि क्षेत्र में कम प्रवाह। इसकी प्रमुख वजहें हैं कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, दूरसंचार, वाहन और औषधि क्षेत्र में कम प्रवाह। नए नियमों के मुताबिक, इस वर्ष के शुरूआती महीनों में यह प्रवाह 40.55 प्रतिशत घटकर 9.28 अरब डॉलर रहा है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय 26.91 अरब डॉलर था। सेंसेट की गिरावट के बावजूद, सितंबर में यह बढ़कर 4.08 अरब डॉलर हो गया है। विभिन्न राज्यों में महाराष्ट्र ने सबसे अधिक निवेश किया है, जबकि कर्नाटक में इसमें गिरावट हुई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, विदेशी निवेश में यह गिरावट कंप्यूटर इंडस्ट्री के कम प्रवाह और उद्योगों में असमर्थता के कारण हो रही है।