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महंगाई से राहत! MSP से भी सस्ता हुआ खाने का तेल

09:04 AM Mar 14, 2024 IST
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Edible Oil Price: खाद्य तेल के मोर्चे पर आम आदमी के लिए राहत की खबर है। दिल्ली के तिलहन बाजार में 12 मार्च को सरसों तेल और सरसों में गिरावट रही। इस बीच, सोयाबीन ऑयल और क्रूड पाम ऑयल, सूरजमूखी आदि तेल की कीमतें स्थिर रहीं। तिलहन बाजार में 12 मार्च को सरसों की 13 लाख बोरियों की आवक रही, जबकि 9 मार्च को यह आंकड़ा 9 लाख बोरी था।

Highlights

दिल्ली के तेल और तिलहन (Oilseed) बाजार में हाल ही में सरसों तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इस बीच, सोयाबीन तेल, तिल और कच्चे पाम तेल (CPO), पामोलीन और सूरजमुखी तेल की कीमतें स्थिर रहीं, जबकि भारी खरीदारी के बीच मूंगफली तेल और तिलहन के दामों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। ज्यादा मांग के चलते किसान अपनी फसल को रोककर बेचने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि उन्हें आगे की जरूरतों के लिए फंड्स की जरूरत पड़ती है। इसलिए वे मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से कम कीमत पर अपनी फसल को बेचने के लिए मजबूर हैं।

MSP से कम दाम पर हो रही बिक्री

अगर सरकार किसानों से MSP खरीदती भी है तो उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों ने सरसों का उत्पादन किया है। इससे सीमित किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। यही स्थिति सोयाबीन, पाम तेल और मूंगफली तेल की भी है। मौजूदा समय में सरसों के बीज एमएसपी से 10-12 फीसदी कम दाम पर बिक रहे हैं। इस पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि अगर ऐसा ही चलता रहा तो सोयाबीन, बिनौला, मूंगफली और सरसों तेल की खेती को गंभीर नुकसान होने की संभावना है।

कपास के बीज का लगभग 75 फीसदी स्टॉक पहले ही बाजार में एमएसपी से 10-12 फीसदी कम कीमत पर खप चुका है. मूंगफली का तेल भी एमएसपी से 6-7 फीसदी तो वहीं सूरजमुखी तेल एमएसपी से 30-35 फीसदी कम पर बिक रहा है। सोयाबीन तेल का आयात सस्ता होने के बावजूद यह एमएसपी से 7-8 फीसदी सस्ता बिक रहा है।

कम हो सकती है खाने के तेल की कीमत

कीमतों में इस गिरावट से जल्द ही खाद्य तेलों में कमी होने की संभावना बढ़ गई है। अगर पाम और पामोलीन तेल की ऊंची कीमत के कारण उनका आयात नहीं किया जाएगा तो बढ़ती मांग को पूरा करने में देशी तेल की कमी हो जाएगी। इस बीच, बंदरगाहों पर सीपीओ की कीमतें 995 डॉलर (82,340 रुपए) से बढ़कर 1,000 डॉलर (82,754 रुपए) प्रति टन हो गई है।

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