Fine on TCS : अमेरिका की ज्यूरी ने 210 मिलियन डॉलर का लगाया जुर्माना
Fine on TCS : देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस को तगड़ा झटका लगा है। टीसीएस पर आरोप लगा है कि उसने अपने एक सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में एक प्रतिस्पर्धी के सोर्स कोड की चोरी की। अब इस मामले में सबसे बड़ी भारतीय आईटी कंपनी को मोटा आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है। टीसीएस के लिए यह एक बड़ा झटका है। टीसीएस दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक है। यह कंपनी अपने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए जानी जाती है। इस तरह का आरोप टीसीएस की छवि को धूमिल कर सकता है।
TCS पर लगा आरोप
अमेरिका की आईटी कंपनी डीएक्ससी, जिसे पहले सीएससी के नाम से जाना जाता था, का आरोप है कि टीसीएस ने अपने सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म टीसीएस बैंक्स (TCS Bancs) को डेवलप करने के लिए उसके सोर्स कोड का इस्तेमाल किया। अब इस मामले में अमेरिका की ज्यूरी ने टीसीएस से से कहा है कि वह डीएक्ससी को 210 मिलियन डॉलर यानी करीब 1,800 करोड़ रुपये का भुगतान करे।
मामला करीब पांच साल पुराना
ज्यूरी का मानना है कि भारतीय आईटी कंपनी ने वास्तव में ट्रेड सीक्रेट को एक्सेस किया है। यह मामला करीब पांच साल पुराना है। टीसीएस और ट्रांसअमेरिका के बीच 2018 में 2.5 बिलियन डॉलर की एक डील हुई थी। वृहद आर्थिक परस्थितियों के चलते डील को जून 2023 में रद्द कर दिया गया। मुकदमा इसी डील से जुड़ा हुआ है।
TCS को 1,800 करोड़ रुपये का करना पड़ सकता है भुगतान
डीएक्ससी ने इस संबंध में 2019 में मुकदमा किया था। डीएक्ससी के अनुसार, टीसीएस ने अपने बैंक्स प्लेटफॉर्म के डेवलपमेंट के लिए जिन कर्मचारियों को काम पर रखा था, उन्हें ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में दिक्कतें आ रही थीं, जो एक खास बीमा के मामले में रेट ऑफ रिटर्न कैलकुलेट कर सके। उन कर्मचारियों ने पाया कि वैंटेज सॉफ्टवेयर यह काम आसानी से कर रहा है। उसके बाद उन्होंने वैंटेज के सोर्स कोड को कॉपी कर उसका इस्तेमाल कर लिया। डीएक्ससी ने मुकदमे के साथ में टीसीएस के संबंधित कर्मचारियों के ईमेल के ब्यौरे भी दिए हैं।
TCS ने दिया यह जवाब
वहीं दूसरी ओर टीसीएस का कहना है कि वह ज्यूरी के फैसले से असहमत है। टीसीएस ने बयान जारी कर कहा कि मामला अब कोर्ट के द्वारा तय होगा। कोर्ट ने दोनों पक्षों से अपनी बातें रखने को कहा है। टीसीएस का इरादा मुकदमे को आगे खींचने का है। टीसीएस ने कहा कि चूंकि मामला अभी न्याय के विचाराधीन है, ऐसे में वह इस मुद्दे पर अब और कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
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