बिजली पर खाना पकाने को लेकर सरकार ने लॉन्च किया प्रोग्राम
इस साल नवंबर में सरकार ने नेशनल इफिशिएंट कुकिंग प्रोग्राम लांच किया था और अब इस प्रोग्राम की गति बढ़ाने की तैयारी चल रही है। सरकार के पास अब तक इसको लेकर कोई आंकड़ा नहीं है कि भारत में कितने लोग बिजली पर खाना पकाते हैं। बिजली मंत्रालय के अधीनस्थ काम करने वाली सार्वजनिक कंपनी ईईएसएल सस्ते दाम पर 20 लाख इंडक्शन कुकिंग स्टोव बांटेगी। ताकिबिजली पर खाना पकाने को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके।
HIGHLIGHT
- सरकार ने नेशनल इफिशिएंट कुकिंग प्रोग्राम किया लांच
- ग्रामीण इलाके में बैट्री स्टोरेज वाले सोलर इंडक्शन स्टोव को प्रोत्साहन
- सूर्या नूतन इंडोर सोलर कुकिंग स्टोव का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की तैयारी
कुकिंग स्टोव का बढ़ेगा इस्तेमाल
सरकार के इस प्रोग्राम को अब आगे ले जाने की तैयारी चल रही है। शहरों पर पूरी तरह से बिजली से चलने वाले Cooking Stove के प्रचलन को बढ़ाया जाएगा। वहीं टियर-2 व टियर-3 शहरों में ग्रिड कनेक्टेड सोलर आधारित इंडक्शन कुकिंग स्टोव का इस्तेमाल किया जाएगा। ग्रामीण इलाके में बैट्री स्टोरेज की सुविधा वाले सोलर इंडक्शन स्टोव को प्रोत्साहित किया जाएगा।
बड़े पैमाने पर कुकिंग स्टोव का उत्पादन
इसके अलावा सरकारी पेट्रोलियम कंपनी आईओसी द्वारा विकसित सूर्या नूतन इंडोर सोलर कुकिंग स्टोव का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की तैयारी चल रही है। सूर्या नूतन रिचार्जेबल इंडोर कुकिंग सोल्यूशन है जो सूर्य से ऊर्जा प्राप्त कर उसे उष्मा में परिवर्तित करता है। इसके लिए उसके भीतर विशेष प्रकार का हीटिंग तत्व लगाया गया है। सूर्या नूतन का देश के पांच शहरों में ट्रायल भी किया गया है और यह स्टोव चार व्यक्ति का खाना पकाने के लिए सक्षम है।
बिजली की खपत में कमी
ईईएसएल सस्ते दाम पर कम बिजली खपत करने वाले पंखे व एसी का वितरण बिजली वितरण कंपनियों के माध्यम से कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इस मॉडल को अपना कर स्टार रेटिंग वाले बिजली के कुकिंग स्टोव का वितरण बड़े शहरों में किया जाएगा। बिजली से खाना पकाने का चलन बढ़ने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। गैस सिलेंडर का इस्तेमाल कम होने से आयात बिल भी कम होगा।
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