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भारतीय शेयर बाजार की सपाट शुरुआत, आईटी और ऑटो शेयरों में खरीदारी

10:10 AM Aug 14, 2024 IST
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भारतीय शेयर बाजार बुधवार के कारोबारी सत्र में सपाट खुले हैं। बाजार में एक सीमित दायरे में कारोबार हो रहा है। सुबह 9:19 पर सेंसेक्स 45 अंक की मामूली तेजी के साथ 79,001 और निफ्टी 8 अंक की बढ़कर 24,147 पर था। बाजार में रुझान नकारात्मक नजर आ रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर 903 शेयर हरे निशान में और 1,118 शेयर लाल निशान में हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी करीब सपाट कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 56 अंक की मामूली गिरावट के साथ 56,824 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 20 अंक की गिरावट के साथ 18,183 पर है।

घाटे-नुकसान में रहीं ये कंपनियां



ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, एनर्जी और मेटल इंडेक्स हरे निशान में हैं। फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी और रियल्टी लाल निशान में हैं। सेंसेक्स पैक में एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, एमएंडएम, एसबीआई, इन्फोसिस, भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स और टीसीएस टॉप गेनर्स हैं। अल्ट्राटेक सीमेंट, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स टॉप लूजर्स हैं। एशियाई बाजार में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट है। बैंकॉक, सोल और जकार्ता में तेजी है। अमेरिका में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) के आंकड़ों में कमी देखने को मिली थी, जो कि महंगाई कम होने का संकेत है।

US शेयर बाजार 1% की तेजी के साथ बंद हुए



इस कारण से यूएस का शेयर बाजार मंगलवार को एक प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुए। बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में पीपीआई के आंकड़ों से संकेत मिल रहा है कि आने वाले समय में महंगाई कम हो सकती है। ऐसे में बाजार को उम्मीद है कि फेड 0.50 प्रतिशत तक की ब्याज दरों कटौती कर सकता है। वहीं, वैल्यूएशन अधिक होने के कारण भारतीय बाजारों में एफआईआई की ओर से लगातार बिकवाली की जा रही है। हालांकि, DII भी खरीदारी कर रहे हैं। डिफेंस स्टॉक में गिरावट देखने को मिल रही है।

बाजारों के लिए मुख्य कारक भू-राजनीतिक जोखिम, फेड दर कटौती प्रक्षेपवक्र और बीओजे नीतिगत कार्रवाइयां हैं, जिसके कारण अव्यवस्थित येन कैरी ट्रेड अनवाइंड हुआ है। बाजार अभी इन तीन प्रमुख विषयों पर स्पष्टता की प्रतीक्षा में साइडवेज रहेगा।” जैसे-जैसे कारोबारी दिन आगे बढ़ेगा, निवेशक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकास पर बारीकी से नज़र रखेंगे, विशेष रूप से मुद्रास्फीति के रुझान, केंद्रीय बैंक की नीतियों और भू-राजनीतिक जोखिमों के संबंध में, जिनमें से सभी निकट भविष्य में बाजार की चाल को आकार देने की उम्मीद है।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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