भारत की रिन्यूएबल स्टोरेज एनर्जी क्षमता 2028 तक बढ़कर 6 गीगावाट होने की संभावना : रिपोर्ट
रिन्यूएबल स्टोरेज एनर्जी : भारत की रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता वित्त वर्ष 2028 तक बढ़कर 6 गीगावाट होने की संभावना है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। भारत में मार्च 2024 तक ऑपरेशनल रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता एक गीगावाट से भी कम है। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता में बढ़ोतरी की वजह पाइपलाइन में नए प्रोजेक्ट और उनको लागू करना है।
Highlight :
- भारत की रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता बढ़ने की संभावना
- भारत की रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता वर्ष 2028 तक बढ़कर 6 गीगावाट हो जाएगी
- मार्च 2024 तक ऑपरेशनल रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता एक गीगावाट से भी कम है
देश की रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता बढ़ने की संभावना
रिपोर्ट में बताया गया कि अगर कुल ऊर्जा खपत में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी बढ़ानी है तो सोलर और विंड एनर्जी दोनों में स्टोरेज क्षमता विकसित करना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। रिन्यूएबल एनर्जी दिन के एक निश्चित समय के लिए उपलब्ध होती है। इस वजह से रिन्यूएबल एनर्जी के साथ-साथ स्टोरेज क्षमता भी विकसित करनी होगी। स्टोरेज क्षमता वाले प्रोजेक्ट्स के ऑक्शन में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
6 गीगावाट की एनर्जी स्टोरेज की पाइपलाइन तैयार
बीते दो वित्त वर्षों में 3 गीगावाट के स्टैंडअलोन स्टोरेज प्रोजेक्ट और 10 गीगावाट के स्टोरेज लिंक्ड प्रोजेक्ट्स (जिसमें दो गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी स्टोरेज क्षमता शामिल है।) का ऑक्शन हुआ है। इस वजह से 6 गीगावाट की एनर्जी स्टोरेज की पाइपलाइन तैयार है। क्रिसिल रेटिंग्स में सीनियर डायरेक्टर मनीष गुप्ता ने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स का कार्यान्वयन काफी अहम होने वाला है। डिस्कॉम की ओर से इस तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम काफी धीमा है। मई 2024 तक निष्पादित हुए 60 से 65 प्रतिशत प्रोजेक्ट्स के पावर परचेस एग्रीमेंट तक हुए नहीं हुए हैं।
2030 तक 450 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य 2030 तक 450 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करना है। मार्च 2024 तक भारत में 130 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित है। रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ाने के लिए सरकार ने डिस्कॉम से कुल आपूर्ति की जाने वाली बिजली में रिन्यूएबल की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2028 तक बढ़ाकर 39 प्रतिशत करने को कहा है, जो फिलहाल 25 प्रतिशत है।
(Input From IANS)