छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बरकरार: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में नहीं होंगे बदलाव
ब्याज : केंद्र सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर 2024 की अवधि के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। यह निर्णय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से सामने आया, जिसमें कहा गया कि वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर, 2024 से 31 दिसंबर 2024) के लिए सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें समान रहेंगी।
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
इस निर्णय के बाद, छोटी बचत योजनाओं के तहत जुलाई से सितंबर 2024 के लिए जो ब्याज दरें लागू थीं, वही जारी रहेंगी। छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (पीओटीडी), महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (एमएसएससी), किसान विकास पत्र (केवीपी) और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (पीओएमआईएस) शामिल हैं।
इन छोटी बचत योजनाओं में सबसे अधिक ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर 8.2 प्रतिशत है। इसके बाद नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर 7.7 प्रतिशत, किसान विकास पत्र और महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट पर 7.5 प्रतिशत, मंथली इनकम स्कीम पर 7.4 प्रतिशत और पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर 7.1 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है।
इसके अतिरिक्त, पोस्ट ऑफिस में बचत खाते पर 4 प्रतिशत, एक साल के टर्म डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत, दो साल के टर्म डिपॉजिट पर 7 प्रतिशत, तीन साल के टर्म डिपॉजिट पर 7.1 प्रतिशत, पांच साल के टर्म डिपॉजिट पर 7.5 प्रतिशत और पांच साल की आरडी पर 6.7 प्रतिशत ब्याज दरें लागू हैं। इस स्थिरता का उद्देश्य बचतकर्ताओं को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपनी वित्तीय योजनाओं को बेहतर तरीके से निर्धारित करने में मदद मिलेगी। यह निर्णय उन निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो लंबी अवधि की बचत योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं।
सरकार की यह पहल निश्चित रूप से छोटी बचत योजनाओं के प्रति नागरिकों के विश्वास को बढ़ाएगी और उन्हें अपने भविष्य की वित्तीय सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगी। ब्याज दरों में स्थिरता से यह भी संकेत मिलता है कि सरकार का ध्यान निवेशकों की सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने भविष्य के लिए लंबी अवधि की योजनाएं बनाना चाहते हैं। इस दौरान, वित्त मंत्रालय ने आशा व्यक्त की है कि यह निर्णय छोटी बचत योजनाओं में निवेश को बढ़ावा देगा और आम नागरिकों को उनकी वित्तीय योजनाओं को और सुदृढ़ बनाने में मदद करेगा।
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