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इस सेक्टर ने 1.58 करोड़ लोगों को दी नौकरी, 18 कारोबारियों को मिला फायदा

07:35 AM Aug 22, 2024 IST
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Job: देश में ऑनलाइन बिजनेस ने खासी बढ़ोतरी की है और सबसे ज्‍यादा नौकरियां देने वाले सेक्‍टर में शामिल हो गया है। वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों ने 1.58 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं, जो ऑफलाइन से डेढ़ गुना ज्‍यादा है।

1.58 करोड़ लोगों को दी नौकरी

वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा है कि देश में सिर्फ ऑनलाइन विक्रेताओं ने ही डेढ़ करोड़ से ज्‍यादा नौकरियां दी हैं। इस सेक्‍टर ने करीब 18 लाख कारोबारियों को भी फायदा पहुंचाया है। उन्‍होंने कहा कि देश में ई-कॉमर्स सेक्‍टर नौकरियां देने के मामले में शीर्ष क्षेत्रों में शामिल है. इसका फायदा छोटे कारोबारियों को भी मिल रहा है।

वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी

गोयल ने एक कार्यक्रम में ‘भारत में रोजगार तथा उपभोक्ता कल्याण पर ई-वाणिज्य के शुद्ध प्रभाव का आकलन’ नामक रिपोर्ट जारी की। उन्‍होंने बताया कि दिल्ली स्थित नीति अनुसंधान संस्थान ‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ (पीआईएफ) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, ऑनलाइन विक्रेताओं ने भारत में 1.58 करोड़ नौकरियों का सृजन किया है। इनमें से 35 लाख नौकरियां महिलाओं को मिली हैं. इसके अलावा करीब 17.6 लाख खुदरा उद्यम ई-कॉमर्स गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं।

छोटे शहरों में ज्‍यादा ग्राहक



मिली जानकारी के अनुसार बड़े शहरों के उपभोक्ताओं की तुलना में छोटे शहरों के ज्यादा उपभोक्ता ऑनलाइन शॉपिंग पर प्रतिमाह 5,000 रुपये से अधिक खर्च करते हैं। यह भारत की उपभोग गाथा है, जो भौतिक तथा डिजिटल खुदरा व्यापार के सह-अस्तित्व को सक्षम बनाती है।

9 लोगों में 2 महिलाओं को मिली नौकरी



रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक ई-कॉमर्स विक्रेता औसतन करीब नौ लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से दो महिलाएं हैं। प्रत्येक ऑफलाइन विक्रेता करीब छह लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से केवल एक महिला है। विभिन्न कौशल स्तरों पर रोजगार में वृद्धि हुई है, जिसमें उच्च-कुशल (प्रबंधन, विपणन), मध्यम-कुशल (ग्राहक सेवा, परिचालन) और निम्न-कुशल (गोदाम, रसद, वितरण) कार्य शामिल हैं।

(Input From ANI)

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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