6000 करोड़ रुपये की सब-स्कीम लॉन्च, मछुआरों और किसानों को मिलेगा सस्ता लोन
PM-MKSSY: भारत के मछुआरों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने एक नई स्कीम निकाली है, जिसमें मधुआरों और किसानों को सस्ते लोन दिए जाएंगे। फिशरीज सेक्टर में आसान लोन मिलने से यहां काम करने वाले लोगों को सरकारी पैसों की मदद मिलेगी। 6000 करोड़ रुपये की स्कीम से जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
Highlights
- केंद्र सरकार ने निकाली नई स्कीम
- मछुआरों और किसानों को मिलेगा सस्ता लोन
- नई स्कीम से आने वाले 4 सालों में होगा फायदा
स्कीम से मछुआरों, किसानों को सस्ते लोन
केंद्र सरकार की कैबिनेट कमिटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने फिशरीज सेक्टर के लिए नई स्कीम को मंजूरी दे दी है। इसका नाम प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना यानी Pradhan Mantri Matsya Kisan Samridhi Sah-Yojana (PM-MKSSY) है। ये प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 6000 करोड़ रुपये की एक सब-सेंट्रल स्कीम है। स्कीम के जरिए जल कृषि करने वाले किसानों के साथ-साथ मछुआरों, मछली पालन करने वाले मजदूरों को सस्ते लोन मिल दिए जाएंगे। सेक्टर का इंफ्रास्टक्चर मजबूत होने से लोगों तक सीधे फायदा पहुंचेगा।
6000 करोड़ रुपये की सब-स्कीम लॉन्च
सरकार ने unorganized असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने के लिए और इस सेक्टर के MSME को संस्थागत फाइनेंस की सुविधा देने के लिए ये स्कीम निकाली है। इस 6000 करोड़ रुपये की स्कीम से जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। फिशरीज सेक्टर में आसान लोन मिलने से यहां काम करने वाले लोगों को पैसों की सरकारी मदद दी जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पोस्ट से दी जानकारी
PM मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि कैबिनेट के 'मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष' (FIDF) को 3 सालों के लिए बढ़ाने से मत्स्य पालन क्षेत्र में लोगों के लिए बेहतर लोन की पहुंच सुनिश्चित होगी और इससे जुड़े बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
Courtsey : पोस्ट को एक्स पर @narendramodi के अकाउंट से शेयर किया गया
स्कीम से मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों को क्या मिलेगा फायदा
- चार सालों में सेक्टर में 6000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) के लिए 7522.48 करोड़ रुपये के पहले से स्वीकृत फंड के साथ 939.48 करोड़ रुपये के बजट सपोर्ट को तीन सालों के लिए बढ़ाया जाएगा।
- इस स्कीम से मछली उत्पादन, सी-फूड प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- स्कीम से 9.40 लाख से भी ज्यादा मछुआरों/मत्स्य पालन से जुड़े लोगों सहित इस सेक्टर से जुड़े युवाओं के लिए नौकरियों के मौके बनेंगे।
- इस सब-स्कीम से सेक्टर में 1.70 लाख नौकरियों मिल सकेंगी।
- 1.70 लाख नौकरियों में से महिलाओं को 75,000 जॉब देने पर फोकस किया जाएगा।
- MSME के लिए नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, जिससे 40 MSME फर्मों को वर्क बेस्ड पहचान मिलेगी।
- 6.4 लाख माइक्रो एंटरप्राइजेज और 5500 फिशरीज को-ऑपरेटिव्स को भी फाइनेंशियल सपोर्ट मिलेगा।
- सेक्टर में सब्सिडी के साथ परफॉरमेंस बेस्ड इंसेटिव दिए जाएंगे जिससे बेहतर क्वालिटी और बढ़ते उत्पादन पर ध्यान दिया जा सके।
क्या है सरकार की असल योजना
केंद्र सरकार की योजना है कि फिशरीज सेक्टर में 55,000 टारगेटेड MSME को सब्सिडी के साथ परफॉरमेंस बेस्ड इंसेटिव दिए जाएं, जिससे इस क्षेत्र में लोग बेहतर क्वालिटी का सी-फूड मुहैया करा सकेंगे और वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स के मुताबिक भारत की ये इंडस्ट्री उभर सकेगी।
जल-खेती का जो सेक्टर अभी असंगठित रूप से काम कर रहा है, उसे संगठित रूप देने की सरकार की योजना के लिए 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक से लेने के साथ-साथ AFD और पब्लिक फंडिंग से आएंगे।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।