SEBI ने लिया बड़ा फैसला, अब शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी
SEBI ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। SEBI ने कहा है कि सितंबर 2024 के बाद वैकल्पिक निवेश कोष (AIF) के माध्यम से किए गए सभी नए निवेश को डीमैट रूप में रखा जाना चाहिए। डीमैट अकाउंट एक इलेक्ट्रॉनिक खाता है जिसमें शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के जरिए ही निवेशक शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं।
SEBI के इस फैसले के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह फैसला अनुपालन को आसान बना देगा। डीमैट अकाउंट में रखे गए निवेश को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, जिससे अनुपालन प्रक्रिया में लगने वाले समय और प्रयास को कम किया जा सकेगा। दूसरा, यह फैसला निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करेगा। डीमैट अकाउंट में रखे गए निवेश की सुरक्षा अधिक होती है, क्योंकि इन निवेशों को भौतिक रूप में नहीं रखा जाता है। इस वजह से निवेशकों को शेयरों की चोरी या गबन का खतरा कम होता है।
तीसरा, यह फैसला निवेशकों को उनके निवेश को आसानी से ट्रैक करने और बेचने में मदद करेगा। डीमैट अकाउंट में निवेशकों को उनके निवेश से संबंधित सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है। इसके अलावा, डीमैट अकाउंट के जरिए निवेशक शेयरों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री कर सकते हैं। SEBI के इस फैसले का कुछ निवेशकों पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ सकता है।
कुछ निवेशकों को डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता होगी, जिससे उनके निवेश पर कुछ अतिरिक्त शुल्क लग सकते हैं। हालांकि, दीर्घकाल में इस फैसले से निवेशकों को कई लाभ होंगे। एक इलेक्ट्रॉनिक खाता जिसमें शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है। वैकल्पिक निवेश कोष। यह एक प्रकार का निवेश कोष है जो पारंपरिक निवेश कोषों से अलग होता है। SEBI का यह फैसला एक स्वागत योग्य कदम है, जो निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करने और निवेश प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करेगा।
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