मार्च के महीने में क्यों गिरता शेयर, नुकसान से बचना है तो जान लीजिए वजह
Share Market: शेयर बाजार में निवेश करने वालों को यह बात जानना बहुत जरूरी है कि मार्च के महीने में अक्सर यहां गिरावट रहती है। एक्सपर्ट का कहना है कि किसी अन्य महीने की तुलना में मार्च में बाजार पर ज्यादा जोखिम दिखता है।
Highlights
- मार्च और मार्केट का है गहरा नाता
- क्यों इस महीने में गिरने लगते हैं शेयर
- नुकसान से बचना है तो जान लीजिए वजह
अगर आप भी शेयर बाजार पर नजर रखते हैं तो आपने भी यह बात जरूर नोट की होगी। मार्च का महीना आते ही मार्केट में हलचल शुरू हो जाती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो किसी भी अन्य महीने की तुलना में मार्च में मार्केट गिरने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है। बीते 23 साल के आंकड़े देखें तो 56 फीसदी मामलों में शेयर बाजार ने निगेटिव रिटर्न दिया है, यानी मार्च में गिरावट रही है। ऐसा भी नहीं है कि मार्च में मार्केट का गिरना कोई संयोग हो, इसके पीछे बाकायदा कुछ कारण काम करते हैं. अगर आप भी उन कारणों पर नजर रखेंगे तो इस महीने नुकसान से बच सकते हैं।
मार्च महीने में शेयर बाजार पर ज्यादा जोखिम मंडराने की 3 सबसे बड़ी वजहें हैं। यह बात तो आपको भी पता है कि मार्च का महीना वित्तीय वर्ष की समाप्ति का होता है. जाहिर है कि फाइनेंस से जुड़े और उसी पर निर्भर शेयर बाजार पर भी इस क्लोजिंग मंथ यानी समाप्त होते वित्तीय वर्ष का असर जरूर दिखेगा. एक्सपर्ट ने खासतौर से 3 बातों को इसके लिए जिम्मेदारी ठहराया है।
कैश का गेम प्लान
मनीकंट्रोल के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर के क्लोजिंग मंथ में कंपनियां ज्यादा से ज्यादा कैश दिखाना चाहती हैं। उनका जोर अपनी बैलेंस शीट से इक्विटी जैसे जोखिम वाले एसेट की जगह कैश को शामिल करने पर रहता है। लिहाजा ऐसी कंपनियां अपने इक्विटी वाले भाग को बेचकर कैश में प्रॉफिट दिखाती हैं, जिससे बैलेंस शीट मजबूत होती है और अगले वित्तवर्ष के लिए पोजिशन स्ट्रांग होती है।
एडवांस टैक्स का भुगतान
यह बात तो सभी को पता है कि एडवांस टैक्स भरने की तिथि हर तिमाही की समाप्ति वाले महीने की 15 तारीख होती है। इसका मतलब हुआ कि 15 मार्च इस वित्तीय वर्ष में एडवांस टैक्स भरने की आखिरी तारीख है। इस तरह टैक्स चुकाने के लिए भी कंपनियों को कैश की जरूरत होती है। इसके लिए स्टॉक या म्यूचुअल फंड को बेचकर कैश ले लेती हैं।
मुनाफे और नुकसान की बुकिंग
मार्च के महीने में कंपनियों की निगाह मुनाफे और नुकसान पर भी रहती है। अगर किसी को लांग टर्म में नुकसान दिख रहा है तो वह कैपिटल गेन के जरिये इसकी भरपाई करता है और अपनी टैक्स देनदारी भी कम कर लेता है। नुकसान सहने वाले भी आगे लांग टर्म होल्डिंग्स के लिए प्रॉफिट बुकिंग करते हैं। इस कारण से बाजार में वोलाटिलिटी काफी बढ़ जाती है और गिरावट की आशंका रहती है।
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