Patanjali के भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
योग गुरु बाबाराम देव की आयुर्वेदिक कंपनी Patanjali को 21 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। भ्रामक विज्ञापनों पर बाबा रामदेव की कंपनी Patanjali आयुर्वेद को फटकार लगाई गई है। कोर्ट ने कहा कि पतंजलि के विज्ञापनों में आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ झूठे और भ्रामक दावे किये जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि पतंजलि के विज्ञापनों से लोगों को गलत जानकारी मिल रही है और इससे लोगों की सेहत को खतरा हो सकता है। कोर्ट ने पतंजलि को भविष्य में इस तरह के विज्ञापनों से बचने की चेतावनी दी है।
- पतंजलि के विज्ञापनों में आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ झूठे और भ्रामक दावे
- कोर्ट ने पतंजलि को भविष्य में इस तरह के विज्ञापनों से बचने की चेतावनी दी
- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने याचिका दाखिल की थी
आपको बता दे इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने याचिका दाखिल की थी. IMA ने कहा था कि पतंजलि के विज्ञापनों में दावा किया गया है कि पतंजलि के उत्पादों से कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जा सकता है, जबकि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को अपने सभी भ्रामक विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर पतंजलि इस निर्देश का पालन नहीं करेगी तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.इस फटकार से पतंजलि को तगड़ा झटका लगा है. पतंजलि भारत में सबसे बड़ी आयुर्वेदिक कंपनियों में से एक है। कंपनी के उत्पाद देशभर में खूब बिकते हैं , लोगो द्वारा पसंद किये जाते है। पतंजलि खुद को एक ऐसी विकल्प के तौर पे दिखती है जहा किसी तरह का साइड अफेक्ट नहीं है और जो भी प्रोडक्ट्स है वो बिलकुल आयुर्वेदिक है , यही कारन है की लोग अंग्रेजी दवा के बदले पतंजलि का प्रोयग करते है।
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