GPS से होगा अब टोल कलेक्शन, जाने कब से होगा देश में लागू
(GPS Toll Collection) तीन साल पहले फास्टैग का आगमन हुआ था और अब इसे जीपीएस से बदला जा रहा है। अब फिर से देश में टोल कलेक्शन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आने वाला है और अब फास्टैग के जगह पर गाड़ियों से जीपीएस के माध्यम से ही टोल काटा जाएगा। इससे लोगो को सहूलियत होगी, क्योंकि वे बिना रुके बिना रुके टोल भुगतान कर पायेंगे और साथ ही ये लोगो की यात्रा को सुगम बनने में मदत करेगा। मार्च 2024 से सरकार ने GPS Toll Collection को लागू करने की योजना बनाई है। यह सुनिश्चित करने के लिए, फरवरी 2024 से लगभग 10 हाईवे पर जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन की टेस्टिंग शुरू होगी।
इस प्रक्रिया को देखने के लिए, पहले कुछ सीमित हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से समझा जाएगा कि कैसे इसको सुचारू रूप से मार्च तक पूरे देश में लागू किया जा सकता है। नए GPS Toll Collection सिस्टम के तहत, टोल कलेक्शन रास्ते के दौरान ही होगा और इससे टोल प्लाजा की आवश्यकता नहीं होगी।
इसके लिए हाईवे की जियोफेंसिंग की जाएगी, जो कि जीपीएस या RFID के माध्यम से किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि लोग बिना रुके अपना सफर पूरा कर सकें। मार्च 2024 से सरकार ने जीपीएस टोल कलेक्शन को शुरू करने का निर्णय लिया है। इसका प्रयोजन है कि इस सिस्टम के माध्यम से टोल कलेक्शन को बदलकर बेहतर बनाया जा सके।
नए सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन को हमारे यातायात के दौरान ही किया जाएगा, जिससे हमें टोल प्लाजा की तकनीकी जरूरत नहीं होगी। इसमें हाईवे की जियोफेंसिंग का प्रयोग होगा, जिससे गाड़ी की स्थिति को बहुत सटीकता से जाना जा सकेगा। इससे गाड़ी बिना रुके हमारी यात्रा को पूरी कर सकेगी और हमें किसी भी तकनीकी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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