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Wifi Servis: टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया ने दिल्ली-लंदन हीथ्रो मार्ग पर ए350-900 विमान शुरू किया है, जिसमें निजी सुइट्स और शीघ्र ही ऑन-बोर्ड वाई-फाई सेवा भी शुरू की जाएगी।
भारत में हवाई जहाज के अंदर WiFi न मिलता हो लेकिन कई विदेशी एयरलाइंस यह सुविधा ऑफर करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लेन में WiFi कैसे काम करता है और भारत में कंपनियां इसे ऑफर क्यों नहीं करती हैं। इस लेख में हम आपको इन 2 सवालों का जवाब विस्तार से देने का प्रयास करेंगे।
विमान में WiFi देने के लिए दो मुख्य तरीके अपनाए जाते हैं, जो एयरलाइन और विमान के प्रकार पर निर्भर करते हैं। ये 2 तरीके हैं- एयर-टू-ग्राउंड (Air-to-Ground) और सैटेलाइट WiFi.एयर-टू-ग्राउंड तरीका बिल्कुल वैसा ही होता है, जैसे आपके फोन में जमीन पर इंटरनेट चलता है। इस तकनीक में सेल टावरों का उपयोग किया जाता है, जो WiFi सिग्नल्स को आसमान की ओर भेजते हैं। ये सिग्नल्स विमान में लगे रिसीवर द्वारा पकड़े जाते हैं, जिससे हवाई जहाज में WiFi सेवा मिलती है।
दूसरा तरीका है सैटेलाइट WiFi। इस तकनीक में विमानों के ऊपर एक एंटीना लगाया जाता है, जो सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त करता है और यात्रियों को इंटरनेट सेवा प्रदान करता है। यह एक नई तकनीक है, लेकिन कई एयरलाइंस इसे तेजी से अपना रही हैं। इन दोनों तरीकों से यात्रियों को उड़ान के दौरान भी इंटरनेट की सुविधा मिलती है, जो लंबे सफर को और भी आरामदायक बना देती है।
ऐसी कई विदेशी एयरलाइंस हैं जो इन-फ्लाइट Wifi की सुविधा देती हैं। लेकिन भारत में विस्तार फिलहाल इकलौती कंपनी है जो यह सुविधा देती है। हालांकि, यह सर्विस उसकी इटंरनेशनल फ्लाइट में दी जाती है। अब एयर इंडिया भी यूके जानी वाली फ्लाइट में यह सुविधा शुरू कर सकती है। बहरहाल, घरेलू उड़ानों में अभी वाईफाई सेवा शुरू किये जाने की सुगबुगाहट तक नहीं है।