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आसिम मुनीर को लंच पर बुलाकर ट्रंप ने ईरान के खिलाफ कर दिया बड़ा खेला! सामने आया बड़ा सच

मुनीर को लंच पर बुलाकर ट्रंप ने ईरान के खिलाफ कर दिया खेला!

07:34 AM Jun 19, 2025 IST | Amit Kumar

मुनीर को लंच पर बुलाकर ट्रंप ने ईरान के खिलाफ कर दिया खेला!

आसिम मुनीर को लंच पर बुलाकर ट्रंप ने ईरान के खिलाफ कर दिया बड़ा खेला  सामने आया बड़ा सच

अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के सीनियर एक्सपर्ट और पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन के अनुसार, अमेरिका पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके पीछे वास्तविक उद्देश्य रणनीतिक है.

Iran- America Conflict: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच सबकी नजरें अमेरिका की भूमिका पर टिकीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुले तौर पर ईरान को चेतावनी दी है, जिससे पश्चिम एशिया की राजनीतिक सरगर्मी और तेज़ हो गई है. ऐसे समय में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस में अमेरिकी नेतृत्व से मुलाकात चर्चाओं का विषय बन गई है. उन्हें वहां स्पेशल लंच के लिए आमंत्रित किया गया, जो दोनों देशों के बीच संभावित समझौतों की ओर इशारा करता है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के सीनियर एक्सपर्ट और पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रूबिन के अनुसार, अमेरिका पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसके पीछे वास्तविक उद्देश्य रणनीतिक है. रूबिन का दावा है कि अगर ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई होती है और उसके परमाणु कार्यक्रम को नष्ट किया जाता है, तो उससे संबंधित परमाणु सामग्री को पाकिस्तान में ट्रांसफर किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को केवल एक रणनीतिक सहयोगी मानता है, ताकि ईरान पर दबाव बढ़ाया जा सके और उसके परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित किया जा सके.

चीन की भूमिका और पाकिस्तान की स्थिति

रूबिन ने यह भी इशारा किया कि पाकिस्तान अब स्वतंत्र विदेश नीति नहीं चला रहा, बल्कि चीन के प्रभाव में है. उनके अनुसार, जनरल मुनीर की ट्रंप से मुलाकात के दौरान संभवतः चीन की ओर से कोई संदेश भी दिया गया हो. फारस की खाड़ी और होरमुज जलडमरूमध्य से तेल की आपूर्ति रुकने की स्थिति में चीन को भारी नुकसान हो सकता है, जिससे यह संघर्ष उसके लिए भी चिंता का विषय बन जाता है.

ट्रंप की रणनीति

रूबिन के अनुसार, ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को “प्रिय मित्र देश” कहकर दबाव बनाने की तैयारी में है. पाकिस्तान की मौजूदा राजनीतिक संरचना में सेना प्रमुख की ताकत प्रधानमंत्री से भी अधिक है, ऐसे में यह बैठक असाधारण मानी जा रही है. यह भी संभव है कि ट्रंप ने निजी रूप से पाकिस्तान पर दबाव बनाया हो और सार्वजनिक रूप से दोस्ती की बात की हो.

क्या पाकिस्तान बनेगा अमेरिका का सैन्य अड्डा?

पाकिस्तान और ईरान के बीच लगभग 900 किलोमीटर की सीमा साझा होती है. अगर अमेरिका को ईरान पर पूर्वी मोर्चे से दबाव बनाना है, तो पाकिस्तान का रणनीतिक महत्व काफी बढ़ जाता है. अफगानिस्तान युद्ध के समय भी अमेरिका ने पाकिस्तान के सैन्य अड्डों और हवाई क्षेत्र का उपयोग किया था. अब दोबारा वही रणनीति अपनाई जा सकती है.

पाकिस्तान का एयरस्पेस ईरान पर संभावित हवाई हमलों के लिए अहम हो सकता है, जिससे अमेरिका को मिडिल ईस्ट में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी.

Iran- America Conflict

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