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कच्चे जूट के एमएसपी को कैबिनेट की मंजूरी, 2025-26 सीजन के लिए नई दरें तय

2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट की एमएसपी दरें घोषित

03:46 AM Jan 22, 2025 IST | Rahul Kumar

2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट की एमएसपी दरें घोषित

अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए)  ने विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी है। 2025-26 सीज़न के लिए कच्चे जूट (टीडी-3 श्रेणी) का एमएसपी, 5,650/- रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है यह अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन की भारित औसत लागत से 66.8 प्रतिशत अधिक की वापसी सुनिश्चित करेगा। विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे  जूट का अनुशंसित एमएसपी, अखिल भारतीय स्तर पर उत्पादन की भारित औसत लागत से एमएसपी को कम से कम 1.5 गुना निर्धारित करने के सिद्धांत के अनुरूप है, जिसकी घोषणा सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में की गयी थी।

भारत सरकार ने कच्चे जूट के एमएसपी

विपणन सीजन 2025-26 के लिए कच्चे जूट का एमएसपी, पिछले विपणन सीजन 2024-25 की तुलना में 315/- रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। भारत सरकार ने कच्चे जूट के एमएसपी को 2014-15 के 2400 /-रुपये क्विंटल से बढ़ाकर 2025-26 के लिए 5,650 /- रुपये प्रति क्विंटल किया है, इस प्रकार कच्चे जूट के एमएसपी में 3250/- रुपये प्रति क्विंटल (2.35 गुनी) की वृद्धि दर्ज की गयी है।  2014-15 से 2024-25 की अवधि के दौरान जूट उगाने वाले किसानों को भुगतान की गई एमएसपी राशि 1300 करोड़ रुपये रही, जबकि 2004-05 से 2013-14 की अवधि के दौरान, भुगतान की गई राशि 441 करोड़ रुपये थी।

आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर

40 लाख कृषक परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। लगभग 4 लाख श्रमिकों को जूट मिलों में और जूट में व्यापार में प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। पिछले साल जूट की खरीद 1 लाख 70 हजार किसानों से की गई थी। जूट के 82% किसान पश्चिम बंगाल के हैं, जबकि शेष जूट उत्पादन में असम और बिहार की हिस्सेदारी 9% (प्रत्येक) है। भारतीय पटसन निगम (जेसीआई) केंद्र सरकार के नोडल एजेंसी के रूप में मूल्य समर्थन संचालन करना जारी रखेगा और इस तरह के संचालन में, यदि कोई हानि होती है, तो हानि की पूरी प्रतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी।

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