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कंबोडिया मलेरिया-मुक्त बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है : प्रधानमंत्री हुन

कंबोडिया मलेरिया-मुक्ति की ओर, 2025 तक लक्ष्य

02:52 AM Apr 27, 2025 IST | IANS

कंबोडिया मलेरिया-मुक्ति की ओर, 2025 तक लक्ष्य

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने 2025 तक देश को मलेरिया-मुक्त बनाने की दिशा में तेजी से प्रगति की जानकारी दी। 2024 में मलेरिया के मामले 75% घटकर 355 रह गए हैं। 2018 से मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है। सरकार ने मलेरिया के खिलाफ आर्टिसुनेट/मेफ्लोक्विन को 100% सुरक्षित बताया है।

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि उनका देश साल 2025 के अंत तक मलेरिया से पूरी तरह मुक्त होने की दिशा में अच्छी प्रगति कर रहा है।

नेशनल मलेरिया डे के मौके पर उन्होंने बताया कि 2024 में देश में सिर्फ 355 मलेरिया के मामले सामने आए, जो 2023 की तुलना में 75 प्रतिशत कम हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 2018 से अब तक मलेरिया से कोई मौत नहीं हुई है और 2024 से अब तक किसी भी व्यक्ति में पी. फैल्सीपेरम नामक खतरनाक किस्म का मलेरिया नहीं पाया गया है।

प्रधानमंत्री ने सभी लोगों से अपील की कि वे इस लक्ष्य को हासिल करने में देश का साथ दें।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, नेशनल सेंटर फॉर पैरासाइटोलॉजी, एंटोमोलॉजी और मलेरिया कंट्रोल के निदेशक ह्यू रेकोल ने बताया कंबोडिया में मलेरिया की जांच और इलाज बहुत कारगर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आर्टिसुनेट/मेफ्लोक्विन, जिसे एएसएमक्यू भी कहते हैं, मलेरिया के खिलाफ 100 प्रतिशत सुरक्षित और असरदार है।

उन्होंने कहा, “यह प्रगति कम्बोडिया को मलेरिया खत्म करने वाले सफल देशों की श्रेणी में ला चुकी है।”

मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह बीमारी खासकर जंगलों और पहाड़ी इलाकों में, खासकर बरसात के मौसम में ज्यादा होती है। जो लोग मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें हमेशा मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए, खासकर कीटनाशक से सुरक्षित मच्छरदानी।

हल्के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना और सिर दर्द हो सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में थकावट, उलझन, दौरे पड़ना और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। छोटे बच्चे, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, एचआईवी से पीड़ित लोग मलेरिया से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

मच्छरों से बचना ही मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। इसके अलावा कुछ दवाएं भी मलेरिया से बचने में मदद करती हैं। इलाज से हल्के मामलों को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। इसके अलावा संक्रमित खून चढ़ाने या इस्तेमाल की गई सुई से भी फैल सकती है। शुरुआती लक्षण हल्के बुखार जैसे होते हैं, इसलिए पहचानना मुश्किल हो सकता है। अगर इलाज न किया जाए, तो पी. फैल्सीपेरम नाम का मलेरिया 24 घंटे में जानलेवा बन सकता है।

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