Cambodia–Thailand के बीच खत्म हुई जंग! दोनों देशों ने सीजफायर समझौते पर किए साइन
Cambodia–Thailand ने हालिया सीमा झड़पों के बाद आपसी तनाव को खत्म करने और शांति बनाए रखने के लिए एक औपचारिक संघर्षविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुई एक विशेष जनरल बॉर्डर कमेटी (GBC) बैठक के दौरान हुआ।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Cambodia के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने एक निगरानी तंत्र (मॉनिटरिंग सिस्टम) स्थापित करने पर सहमति जताई ताकि भविष्य में किसी भी तरह की झड़पों को रोका जा सके। साथ ही यह तय किया गया कि पकड़े गए सैनिकों के साथ अंतरराष्ट्रीय मानवीय नियमों के तहत व्यवहार किया जाएगा।
Thailand की ओर से साझा प्रयासों की बात
Thailand की ओर से कहा गया कि दोनों देशों ने आपसी बातचीत और द्विपक्षीय माध्यमों के जरिए विवाद सुलझाने की इच्छा जाहिर की है। इसके अलावा, यह भी तय किया गया कि ASEAN (आसियान) के सदस्य देशों को इस संघर्षविराम की निगरानी करने की अनुमति दी जाएगी, जिससे क्षेत्रीय शांति और पारदर्शिता बनी रहे।
जल्द होगी एक और बैठक
दोनों देशों ने यह फैसला किया है कि अगली विशेष GBC बैठक एक महीने के अंदर फिर से आयोजित की जाएगी, ताकि शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके और किसी भी तरह की गलतफहमियों को समय रहते दूर किया जा सके।
Cambodia ने Thailand के आरोपों को किया खारिज
इस बीच, कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने थाईलैंड द्वारा उस पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। थाईलैंड ने कंबोडिया पर उसकी सीमा और संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की बात कही थी।
Cambodia के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चुम सौनरी ने इन आरोपों को "राजनीतिक रूप से प्रेरित और निराधार" बताया। उन्होंने कहा कि इन आरोपों का मकसद सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाना है और इनका कोई ठोस आधार नहीं है।
क्या थी संघर्ष की वजह ?
गौरतलब है कि 24 जुलाई को Cambodia और Thailand की सेनाओं के बीच सीमा क्षेत्र में झड़प हुई थी। इसके बाद 28 जुलाई को दोनों देशों ने संघर्षविराम पर सहमति जताई थी, जो उसी रात से लागू कर दिया गया।
Cambodia की शांति की अपील
कंबोडियाई प्रवक्ता ने यह भी कहा कि उनका देश हमेशा से शांति और सहयोग का समर्थक रहा है। उन्होंने थाईलैंड से अपील की कि वह उकसावे और गलत प्रचार से बचे और रचनात्मक बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाए।