धोखा दे सकती है सरकार? जातीय जनगणना पर ये क्या बोल गए Chandrashekhar Azad
चंद्रशेखर आजाद ने जातीय जनगणना पर उठाए सवाल
चंद्रशेखर आजाद ने जातीय जनगणना पर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से इसकी मांग करती रही है और उन्होंने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था। आखिरी जाति जनगणना ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि हमें चिंता है कि बिहार चुनाव खत्म होने के बाद सरकार अपने वादे से मुकर सकती है और कह सकती है कि वे जनगणना नहीं कराएंगे।
देश भर में जातीय जनगणना पर राजनीतिक गलियारों में होड़ मची है। केंद्र की मोदी सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है। इस बीच नगीना सांसद व आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार की मंशा पर शक भी जताया हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी और वह खुद पहले से इसकी मांग करते थे। उन्होंने कहा कि देश में लंबे समय से जाति जनगणना की मांग उठती रही है। मैनें भी 3 फरवरी को लोकसभा सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था.
#WATCH | Saharanpur | On Centre’s decision to conduct caste census, Aazad Samaj Party—Kanshi Ram, Chandra Shekhar Azad says, “The Azad Samaj Party has consistently raised this demand for a long time. On the 3rd of February, during the Lok Sabha session, I began by raising the… pic.twitter.com/DudnFe13Vw
— ANI (@ANI) May 1, 2025
बहुमूल्य डेटा मिलेगा
नगीना सांसद आजाद ने जातीय जनगणना को लेकर सरकार पर निशाना साधा हैं। उन्होंने कहा जब हम 2024 में दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित एक बड़े आंदोलन में पहुंचे थे तो वहां भी मैंने पहली मांग जाति जनगणन की थी। मैंने सहारनपुर से शुरू करके 18 मंडलों में समीक्षा कार्यक्रम चलाया, उस दौरान भी हम जाति जनगणना कराने की बात कही थी, उन्होंने कहा,”हमारा मानना है कि जातीय जनगणना से खास तौर पर पिछड़े वर्गों के बारे में मूल्यवान डेटा उपलब्ध होगा। सामान्य वर्ग को भी स्पष्टता मिलेगी। लोगों की कितनी शिक्षा है, किसके पास कितनी जमीन है, किसके पास नौकरी है, इसकी जानकारी सामने आएगी।
कोई समय सीमा तय नहीं
आजाद ने आगे कहा,” सरकार ने सिर्फ बात की है, कोई समय सीमा नहीं बताया है। हमारी पार्टी के कई लोगों का मानना है कि बिहार चुनाव के कारण अब इस पर चर्चा हो रही हैं, क्योंकि नीतीश कुमार पहले से ही बिहार में जाति जनगणना करा चुके हैं। मेरा मानना है कि जातीय जनगणना के बाद ही अब इसपर चर्चा होगी, इसके बाद ही हम कुछ कह पाएंगे। उन्होंने बताया कि 1931 के बाद से कोई भी जातीय जनगणना ठीक से नहीं हुई है। आखिरी जाति जनगणना ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। उन्होंने आगे कहा कि हमें चिंता है कि बिहार चुनाव खत्म होने के बाद सरकार अपने वादे से मुकर सकती है और कह सकती है कि वे जनगणना नहीं कराएंगे।
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