Canada Election: खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह और NDP की करारी हार
खालिस्तान समर्थक नेता की चुनावी हार से NDP को झटका
कनाडा चुनाव में खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह और उनकी पार्टी एनडीपी को बड़ा झटका लगा है। सिंह, जो कभी ट्रूडो की अल्पमत सरकार के लिए महत्वपूर्ण थे, व्यक्तिगत रूप से हार गए हैं। एनडीपी की सीटें घटकर सात हो गई हैं। सिंह ने निराशा जताई और कहा कि नया नेता चुने जाने पर वे पार्टी नेतृत्व छोड़ देंगे।
कनाडा की राजनीति में कभी किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले जगमीत सिंह संसद का चुनाव हार गए हैं और उनकी पार्टी को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। खालिस्तान समर्थक सिंह, को पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी रुख के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक माना जाता है। ट्रूडो अपनी अल्पमत सरकार को सत्ता में बनाए रखने के लिए उन पर निर्भर थे। अब, सिंह व्यक्तिगत रूप से पराजित हो चुके हैं, उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (एनडीपी) अप्रासंगिक हो गई है। पिछले हाउस ऑफ कॉमन्स में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं, जो इस बार घटकर सात रह जाने की उम्मीद है। पार्टी ने चार सीटें जीत ली है और खबर लिखे जाने तक तीन पर आगे चल रही थी। सिंह ने अपने समर्थकों से कहा, “मुझे निराशा है कि हम और सीटें नहीं जीत पाए, लेकिन मैं अपने आंदोलन से निराश नहीं हूं।” उन्होंने कहा कि जैसे ही नया नेता चुना जाएगा, वे पार्टी का नेतृत्व छोड़ देंगे। सिंह ब्रिटिश कोलंबिया के बर्नबी सेंट्रल निर्वाचन क्षेत्र में तीसरे स्थान पर आए, लिबरल पार्टी के विजेता और कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार से पीछे।
Canada, election results:
69,333/75,931 polling stations reporting
LPC/PLC (liberal): 43.0%
CPC/PCC (conservative): 41.7%
BQ (regionalist): 6.9%
NDP/NPD (centre-left): 6.0%
…#Canada #Cdnpoli #electioncanada #canadavotes pic.twitter.com/YhdpUwqfrL— America Elects (@AmericaElige) April 29, 2025
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पेशे से वकील, सिंह 2017 में एनडीपी के नेता बने और 2019 में संसद के लिए चुने गए। उन्होंने सरकार में शामिल हुए बिना ट्रूडो को अपनी पार्टी का समर्थन दे दिया। पूर्व पीएम की लिबरल पार्टी के पास तब बहुमत नहीं था। पिछले वर्ष उन्होंने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी ट्रूडो से अपना समर्थन वापस ले रही है। इसके बाद ट्रूडो ने इस वर्ष इस्तीफा दे दिया, क्योंकि एनडीपी के बिना विश्वास मत का सामना करना उनके लिए संभव नहीं था। वर्ष की शुरुआत में, कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के सर्वे में एनडीपी को 17.4 प्रतिशत समर्थन प्राप्त हुआ था।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा के खिलाफ टैरिफ युद्ध और उसे अपने में मिलाने की धमकियां एनडीपी के नुकसान की बड़ी वजह बनी। कनाडा की जनता ने देश के लिए सबसे अच्छी सुरक्षा के रूप में संकटग्रस्त लिबरल पार्टी का समर्थन किया। वहीं चुनाव की पूर्वसंध्या पर एनडीपी का समर्थन आधा होकर 8.1 प्रतिशत रह गया। पिछले साल, सिंह ने ट्रूडो से भारत पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी। उन्होंने खालिस्तानियों पर हमलों के पीछे भारत का हाथ होने का आरोप लगाया और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।ट्रूडो ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करके उनकी बात पर जैसे अमल किया।