Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

Canada Elections : ट्रंप के 'टैरिफ युद्ध' ने आसान बनाई मार्क कार्नी की राह

ट्रंप की टैरिफ नीति ने कार्नी की जीत को आसान बनाया

02:58 AM Apr 30, 2025 IST | IANS

ट्रंप की टैरिफ नीति ने कार्नी की जीत को आसान बनाया

कनाडा की लिबरल पार्टी ने प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में चौथी बार सत्ता में वापसी की है। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने पार्टी को अप्रत्याशित समर्थन दिलाया। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने हार स्वीकार की। लिबरल पार्टी 168 सीटों के करीब है, जबकि बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता है।

कनाडा की लिबरल पार्टी ने चौथी बार सत्ता में वापसी की है। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में मिली यह जीत कई मायनों में हैरान करने वाली है क्योंकि साल की शुरुआत में पार्टी की स्थिति बहुत कमजोर मानी जा रही थी। कनाडा के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आक्रामक रुख पार्टी की जीत में बड़ा फैक्टर माना जा रहा है।

कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे ने हार कबूल कर ली और मंगलवार की सुबह कार्नी को बधाई देते हुए उनकी जीत की पुष्टि की।

जीत की घोषणा करते हुए कार्नी ने कहा, “हम अपने महान देश के लिए एक स्वतंत्र भविष्य का निर्माण करेंगे।”

हालांकि खबर लिखे जाने तक कनाडाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लिबरल पार्टी 146 सीटें जीत चुकी है जबकि 22 पर वह आगे चल रही है। इस तरह से वह 168 सीट जीत सकती हैं। अभी यह साफ नहीं है कि लिबरल पार्टी बहुमत हासिल करेगी या नहीं। बहुमत का जादुई आंकड़ा 172 है।

343 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी ने पिछली बार 152 सीटें थीं।

कंजर्वेटिव पार्टी ने 128 सीटें जीती हैं जबकि 16 पर वह आगे चल रही है।

कनाडा की राजनीति में कभी किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले जगमीत सिंह संसद का चुनाव हार गए हैं और उनकी पार्टी को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

खालिस्तान समर्थक सिंह, को पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी रुख के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक माना जाता है।

ट्रूडो अपनी अल्पमत सरकार को सत्ता में बनाए रखने के लिए उन पर निर्भर थे। अब, सिंह व्यक्तिगत रूप से पराजित हो चुके हैं, उनकी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (एनडीपी) अप्रासंगिक हो गई है।

पिछले हाउस ऑफ कॉमन्स में एनडीपी को 24 सीटें मिली थीं, जो इस बार घटकर सात रह जाने की उम्मीद है। पार्टी ने चार सीटें जीत ली है और खबर लिखे जाने तक तीन पर आगे चल रही थी।

वर्ष की शुरुआत में लिबरल पार्टी अपमानजनक हार की ओर बढ़ती दिख रही थी लेकिन ट्रंप ने कनाडा के खिलाफ टैरिफ युद्ध छेड़कर और देश को अमेरिका में मिलाने की धमकी देकर सारा खेल पलट दिया।

ट्रंप के खिलाफ विद्रोह और राष्ट्रवाद की भावनाओं के जागने के साथ ही पार्टी के लिए समर्थन बढ़ गया।

बड़ी संख्या में कनाडाई लोगों ने लिबरल पार्टी को समर्थन दिया। उनका मानना था कि यह पार्टी पियरे पोलीवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी की तुलना में ट्रंप के सामने बेहतर तरीके से खड़ी हो सकती है। कंजर्वेटिव पार्टी की विचारधारा कई मायनों में अमेरिकी राष्ट्रपति की विचारधारा से मिलती-जुलती थी।

लिबरल्स को पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पद छोड़ने से भी बहुत मदद मिली जो बहुत लोकप्रिय हो गए थे। उनकी जगह कार्नी पीएम बने।

चुनावी राजनीति में नए चेहरे, कार्नी एक टेक्नोक्रेट हैं, जो आर्थिक रूप से कठिन समय के दौरान ब्रिटेन और कनाडा के केंद्रीय बैंकों के गवर्नर रह चुके हैं।

Canada Election: खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह और NDP की करारी हार

Advertisement
Advertisement
Next Article