India Canada Relations: कनाडा की नई करतूत; स्टूडेंट वीजा प्रोग्राम किया बंद, जानें भारतीयों पर कितना पड़ेगा असर
India Canada Relations Updates: भारत-कनाडा के तनाव भरे रिश्ते के बीच जस्टिन ट्रूडो सरकार ने नया आदेश जारी किया है। इसका सीधा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा। कनाडा सरकार ने कहा है कि वह अस्थायी निवासियों की संख्या कम करने पर विचार कर रही है। यह कदम भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद के बीच उठाया गया है।
Canada Student Visa Program: कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) वीजा प्रोग्राम बंद कर दिया है। इमिग्रेशन, रिफ्यूजी, और सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए स्टडी परमिट आवेदनों में तेजी लाने के लिए साल 2018 में यह वीजा प्रोगाम शुरू किया था।
14 देशों के छात्रों के लिए लागू किया गया था प्रोग्राम
प्रोग्राम को ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस और वियतनाम समेत 14 देशों के छात्रों के लिए लागू किया गया था। कनाडा सरकार ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि इस पहल को सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया में समान और निष्पक्ष पहुंच के लिए बंद किया जा रहा।
8 नवंबर तक प्राप्त आवेदनों पर ही कार्रवाई
प्रोग्राम के तहत 8 नवंबर की दोपहर 2 बजे तक प्राप्त आवेदनों पर ही कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद सभी आवेदनों पर रेगुलर स्टडी परमिट स्ट्रीम के तहत कार्रवाई की जानी है। एसडीएस में अप्रूवल रेट अधिक थी और प्रोसेसिंग टाइम तेज था। इस प्रोग्राम के बंद होने से भारत और 13 अन्य देशों के छात्रों को लंबी वीजा प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। साल 2018 में शुरू किए गए स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (SDS) के तहत आवेदन करने वाले छात्रों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया में काफी कम समय लगता था एवं उनके वीजा की स्वीकृति दर अधिक थी।
क्यों लिया फैसला?
कई वर्षों में कनाडा पहली बार देश में आने वाले आप्रवासियों की संख्या में भारी कमी करने पर विचार कर रहा। यह सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही अलोकप्रिय सरकार का नाटकीय नीतिगत परिवर्तन है। कनाडा ऐसा देश रहा है, जो लंबे समय से नए लोगों का स्वागत करता रहा है। मगर, अब यह प्रवासियों के प्रति अपनी नीति बदल रहा है।
विवादास्पद मुद्दों में से एक
कनाडा की राजनीति में सबसे विवादास्पद मुद्दों में से एक यह बन गया है। बता दें, वहां अक्टूबर 2025 से पहले संघीय चुनाव होने हैं। सर्वेक्षणों से पता चला है कि जनसंख्या का बड़ा हिस्सा सोचता है कि कनाडा में बहुत अधिक आप्रवासी हैं। यहां विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत देश भारत है। यहां अनुमानित रूप से 4,27,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
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