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कनाडा : ट्रूडो के अपने सांसद भी खफा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपनी संसद में यह स्थिति रह गई है कि हाल ही में एक अंग्रेज़ सांसद ने उनको सबके सामने यह कह कर खूब लताड़ा कि जिस प्रकार का बर्ताव वह भारत के साथ कर रहे हैं,

09:47 AM Oct 22, 2024 IST | Editorial

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपनी संसद में यह स्थिति रह गई है कि हाल ही में एक अंग्रेज़ सांसद ने उनको सबके सामने यह कह कर खूब लताड़ा कि जिस प्रकार का बर्ताव वह भारत के साथ कर रहे हैं,

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अपनी संसद में यह स्थिति रह गई है कि हाल ही में एक अंग्रेज़ सांसद ने उनको सबके सामने यह कह कर खूब लताड़ा कि जिस प्रकार का बर्ताव वह भारत के साथ कर रहे हैं, उससे न केवल भारत कनाडा से कट गया है, बल्कि पूर्ण विश्व उनसे दूरी बना रहा है और यह कि ऐसा करने से उन्हें कूटनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व सामरिक मामलों में बट्टा लगेगा। अन्य सभी सांसदों ने तालियां बजा कर उनका स्वागत किया और उस समय ट्रूडो की हालत अति दयनीय हो गई है।

भारत और कनाडा का विवाद उस समय शुरू हुआ, जब खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के पुराने विवाद ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। इस मामले को लेकर दोनों देशों के राजनयिक रिश्ते टूट की कगार पर पहुंचते दिख रहे हैं। इस विवाद की वजह से दोनों देश एक-दूसरे के कुछ राजनयिकों को निकाल चुके हैं। इस बीच, अमेरिका ने भारत और कनाडा के बीच विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने कहा है कि भारत को निज्जर हत्याकांड के मामले में कनाडा की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

कनाडा ने भारत के साथ एक ‘डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन’ साझा किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिक जून 2023 में खालिस्तान समर्थक एक्टिविस्ट हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे। इसके बाद भारत ने कनाडा के ‘डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन’ को सिरे से खारिज करते हुए कड़ा जवाब दिया। भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है और कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित करने का भी फैसला किया। भारत सरकार ने इन्हें 19 अक्तूबर की रात 12 बजे तक भारत छोड़ने को कह दिया था।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ इस बातचीत के दौरान स्टार्मर ने ‘रूल ऑफ लॉ’ को अहमियत देने की बात की। हालांकि ब्रिटेन की ओर से जारी इस बयान में भारत का सीधा संदर्भ नहीं दिया गया था लेकिन इसमें भारत पर लगाए गए आरोपों की कनाडा में चल रही जांच का ज़िक्र है।

दोनों ने निज्जर हत्याकांड की जांच का निष्कर्ष सामने आने तक एक-दूसरे के संपर्क में रहने का वादा किया। ट्रूडो ने सोमवार की शाम को स्टार्मर को उस समय फोन किया जब भारत ने कनाडा से अपने हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा हटाने को यह कर बुला लिया कि निज्जर मामले में ट्रूडो सरकार का आरोप बेतुका है।

भारत की ओर से विदेश मंत्री जयशंकर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कहा-मुझे लगता है कि कुछ बहुत ही चुनिंदा मुद्दे हैं। कनाडा ने हमसे हमारे उच्चायुक्त के खिलाफ पुलिस जांच कराने को कहा, जिसके बाद हमने उच्चायुक्त और राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया। जयशंकर ने कहा कि इस बात से साफ होता है कि वे खुद के लिए अलग नियम बनाते हैं जबकि कनाडा में भारतीय राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए वे उन्हीं नियमों की दुहाई देते हैं। जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास भारत के नेताओं, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देने वाले लोग हैं तो उनका जवाब होता है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। विदेश मंत्री ने कहा, “लेकिन देखिए भारत में क्या होता है। कनाडा के राजनयिकों को हमारी सेना और पुलिस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने, लोगों की जानकारियां जुटाने और उन्हें कनाडा जाने से रोकने में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती।” जय शंकर ने ठीक तरह से कनाडा को धो दिया है। आज विश्व में भारत का स्तर काफ़ी ऊंचा है और जो बदतमीजी कनाडा ने भारत से की है, उसके लिए जस्टिन ट्रूडो को माफी मांगनी चाहिए, वर्ना उनका देश सब से कट जाएगा।

– फ़िरोज़ बख्त अहमद

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