नेता जी ने जीतने पर चांद की ट्रिप कराने का किया वादा, वोटर्स को देंगे सालाना 1 करोड़, फ्री रोबोट और हेलीकॉप्टर
तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार में पूरा दमखम लगा रखा है और हर कोई मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार के लिए अगल-अलग तरीके अपना रहा है और एक से बढ़कर एक वादे कर रहा है।
05:30 PM Mar 27, 2021 IST | Ujjwal Jain
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तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार में पूरा दमखम लगा रखा है और हर कोई मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार के लिए अगल-अलग तरीके अपना रहा है और एक से बढ़कर एक वादे कर रहा है।
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अन्नाद्रमुक और द्रमुक वाशिंग मशीन और डिजिटल टैबलेट देने की बात कर रहे हैं, तो वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अकल्पनीय वादों की झड़ी लगाकर सभी को चौंका दिया। दरअसल इस प्रत्याशी ने लोगों से चांद की यात्रा कराने का वादा किया है।
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उनके चुनावी वादे विचित्र लग सकते हैं और असंभव लग सकते हैं लेकिन आर सरवनन का कहना है कि उन्होंने ऐसा मुफ्त में चीजें देने की संस्कृति और लंबे-चौड़े राजनीतिक दावों के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के इरादे से किया है। सरवनन ने चांद की 100-दिवसीय मुफ्त यात्रा, मुफ्त आईफोन और यहां तक कि एक छोटा हेलीकाप्टर देने का वादा किया है।
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सरवनन मदुरै दक्षिण से चुनाव मैदान में उतरे हैं। सरवनन ने विधायक के रूप में चुने जाने पर हर परिवार के बैंक खातों में एक करोड़ रुपये वार्षिक रूप से जमा करने का वादा किया है। उनके अकल्पनीय 14 चुनावी वादों में लोगों को उनके घरेलू कामों में मदद करने के लिए मुफ्त रोबोट, सभी के लिए स्विमिंग पूल के साथ तीन मंजिला घर, एक छोटा हेलीकॉप्टर, शादी के लिए महिलाओं को सोने के जेवर, हर परिवार के लिए एक नाव और युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए एक करोड़ रुपये देना शामिल हैं।
इतना ही नहीं, उन्होंने एक अंतरिक्ष अनुसंधान स्टेशन और एक रॉकेट लॉन्च पैड के अलावा अपने निर्वाचन क्षेत्र को ठंडा रखने के लिए 300 फुट ऊंचे कृत्रिम बर्फ के पहाड़ को स्थापित करने का वादा किया है। इन वादों के संबंध में पूछे जाने पर सरवनन ने हंसते हुए कहा, “मैं लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना चाहता हूं कि वे मुफ्तखोरी के शिकार न हों।”
सरवनन ने कहा, ‘‘लोगों को मुफ्तखोरी की संस्कृति से बाहर निकलना चाहिए और इस बात पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि राजनीतिक दलों ने उनकी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए क्या किया है। विभिन्न पार्टियां चुनावों के दौरान बड़े-बड़े वादे करती हैं और निर्वाचित होने के बाद शायद ही वे कभी लोगों से मिलते हैं।”

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