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लाशों से मांस चुराना फिर खाना, मुर्दाघर में ड्यूटी के दौरान लगी आदत; सन्न कर देगी ये आदमखोर की पूरी कहानी

04:37 PM Nov 13, 2025 IST | Shivangi Shandilya
लाशों से मांस चुराना फिर खाना  मुर्दाघर में ड्यूटी के दौरान लगी आदत  सन्न कर देगी ये आदमखोर की पूरी कहानी
Cannibalism case 2025
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Cannibalism case 2025: दुनिया भर में कई ऐसी जघन्य अपराध की कहानियां हैं, जिन्हें सुनने के बाद लोग चिंतित हो जाते हैं। ऐसी कई कहानियां होती है, जिसे पढ़ने और सुनने के बाद इंसान का मन कांप उठता है। उन अपराधों को करने वाले अपराधी के बारे में सुनकर खून खौल जाता है। इसी बीच आज हम एक ऐसे ही अपराधी के बारे में जानेंगे, जो इंसानी मांस खाने का शौकीन था। उसने पहले लाशों से मांस चुराए, फिर हत्या करके इंसानी मांस खाए। हाल ही में ‘वैम्पायर ऑफ पेरिस’ के नाम से कुख्यात निको क्लॉक्स नाम के इस सीरियल किलर ने एक पॉडकास्ट में इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है।

vampire of paris: क्लॉक्स की घिनौनी कहानी सुन खौल जाएगा खून

क्लॉक्स के दावे से दुनियाभर में हड़कंप मच गया। क्लॉक्स ने पॉडकास्ट में बताया कि जब उसकी ड्यूटी मुर्दाघर में पड़ी थी तब उसने पहली बार इंसानी मांस चखा था। जिसके बाद उसे इसे खाने की आदत लग गई, जिसके आगे उसे दुनिया का कोई भी अनुभव फीका लगने लगा था।

उसने यह भी बताया कि इंसानी मांस खाने की एक नशा हो गई थी। क्लॉक्स को इसकी आदत बहुत कम उम्र में लग गई थी। जब वह सिर्फ 10 साल का था, तब अपने दादाजी के मृत्यु के बाद वह मौत के प्रति असामान्य तरीके से आकर्षित हो गया था. दो साल बाद वह 12 का हुआ, तब उसे विश्व प्रशिद्ध नरभक्षी इसेई सगावा के बारे में पता लगा।

Cannibal caught in India: सगावा से सीखी इंसानी मांस खाने की आदत

वहीं सगावा जो अपने महिला साथी की हत्या कर उसके टुकड़े को कई दिनों तक खाया था। इस घटना के बारे में पढ़कर क्लॉक्स को काटने और दांतों से मांस खींचने की इक्षा होने लगी। उसकी यह सनक उसे मुर्दाघर तक ले गई, जहां वह अपनी भूख शांत कर सकता था। क्लॉक्स ने जेम्स इंग्लिश पॉडकास्ट ‘एनीथिंग गोज’ में माना है कि मुर्दाघर की नौकरी ही उसे लाशों के पास खींच लाई।

फ्रांस में मुर्दाघर में काम करने के दौरान लगी आदत

Cannibalism case 2025
Cannibalism case 2025 (credit-sm)

उसने बताया कि उस समय फ्रांस में मुर्दाघर में काम करने के लिए किसी औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं थी। अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में सहायक (Hospital Orderly) के रूप में काम करता था और इस क्षेत्र में रुचि दिखाता था, तो उसे वहां नौकरी मिल जाती थी। क्लॉक्स ने बताया कि ऑटोप्सी के दौरान जब वह अकेला होता था, तो शवों से मांस की पट्टियां निकालकर खा लिया करता था। उसने कहा, “शुरुआत में मैं मांस कच्चा खाता था, बाद में छोटी-छोटी पट्टियां काटकर उन्हें घर ले जाता और अलग-अलग तरीकों से पकाकर खाता था।”

12 साल तक रहा जेल में क्लॉक्स

Cannibalism case 2025
Cannibalism case 2025 (credit-sm)

यह अनुभव उसकी विकृत भूख को और बढ़ाने लगा। मुर्दाघर से चुराए गए शवों के मांस के छोटे टुकड़े उसकी बढ़ती नरभक्षी लत को शांत नहीं कर पा रहे थे। इसी लत ने उसे एक खतरनाक रास्ते पर धकेल दिया। उसने थियरी बिसोन्नियर (Thierry Bissonnier) नामक व्यक्ति की हत्या कर दी, जिससे उसकी मुलाकात ऑनलाइन हुई थी। गिरफ्तारी के बाद क्लॉक्स ने स्वीकार किया कि उसने हत्या सिर्फ इंसानी मांस पाने के लिए की थी।

अदालत ने उसे 12 साल की सजा सुनाई, जिसमें से उसने सात साल चार महीने जेल में बिताए। उसने बताया कि लोग अक्सर उससे इंसानी मांस के स्वाद के बारे में पूछते हैं, और उसने इसकी तुलना घोड़े के मांस से की। क्लॉक्स ने कहा, “लोग हमेशा स्वाद के बारे में पूछते हैं। मैं कह सकता हूं कि यह घोड़े के मांस जैसा होता है, क्योंकि उस समय मैं घोड़े का टार्टारे खाया करता था।”

Cannibalism case 2025: मुझे उत्तेजित करता था इंसानी मीट-क्लॉक्स

Cannibalism case 2025 (credit-sm)
Cannibalism case 2025 (credit-sm)

हालांकि, उसने साफ किया कि उसके लिए यह स्वाद का नहीं, बल्कि नशे और सनसनी का मामला था। क्लॉक्स ने कहा, “यह मेरे लिए एक तरह का नशा था। कुछ ऐसा जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया था। इस अहसास ने मुझे लगातार उत्तेजित रखा।” इसी नशे और सनसनी को दोबारा पाने की चाह में उसने हत्या की योजना बनाई थी।

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Shivangi Shandilya

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शिवांगी शांडिल्य पत्रकारिता में पिछले 2 वर्षों से सक्रिय हैं। राजनीति, विदेश, क्राइम के अलावा आद्यात्मिक खबरें लिखना पसंद हैं। गलगोटिया विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई पूरी की है। IGNOU से मास्टर ऑफ मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई जारी है। इस दौर में वेबसाइट पर लिखने का कार्य जारी है। पत्रकारिता की शुरुआत इंडिया न्यूज़ (इनखबर) से हुई, जहां बत्तौर हिन्दी सब-एडिटर के रूप में वेबसाइट पर काम किया। वर्तमान में पंजाब केसरी दिल्ली में हिन्दी सब-एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जन्म लेने वाली शिवांगी की शिक्षा उनके गृह जिले में ही हुई है। शिवांगी को राजनीतिक घटनाक्रम पर आलेख लिखना बेहद पसंद है।

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