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कैप्टन सरकार सार्वजनिक करें जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की जांच रिपोर्ट, अन्यथा पंथक संघर्ष को झेलने के लिए रहें तैयार- जत्थेदार सिंह साहिबान

दिसंबर 2015 में हुए सरबत खालसा के दौरान सिख पंथ द्वारा नियुक्त किए गए तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल और श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने आज गुरूद्वारा साहिब बरगाड़ी में एक जून को इकटठे हो रहे

03:02 PM Jun 01, 2018 IST | Desk Team

दिसंबर 2015 में हुए सरबत खालसा के दौरान सिख पंथ द्वारा नियुक्त किए गए तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल और श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने आज गुरूद्वारा साहिब बरगाड़ी में एक जून को इकटठे हो रहे

लुधियाना-बरगाड़ी : चब्बे की पावन धरती दिसंबर 2015 में हुए सरबत खालसा के दौरान सिख पंथ द्वारा नियुक्त किए गए तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल और श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने आज गुरूद्वारा साहिब बरगाड़ी में एक जून को इकटठे हो रहे पंथक इकटठ के संबंध में समूह धर्मो (हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई) आदि से संबंधित नानक नाम लेने वाली संगत को अपील की है कि वे एक जून को श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के रोष में किए जा रहे विशाल पंथक इकटठ में शमूलियत करें।

उन्होंने कहा कि आज से करीब 3 साल पहले बुर्ज जवाहर सिंह वाला में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप चोरी होने के उपरांत दोषी व्यक्तियों को आज तक गिरफतार नहीं किया गया। इसके बाद चेतावनी देकर बरगाड़ी में गुरू ग्रंथ साहिब जी के स्वरूप के अंग मुहल्ले की गलियों में बिखेरे गए, परंतु उन दोषियों को भी आजतक पहचान नहीं। इसी बेअदबी के पश्चात रोषस्वरूप कोटकपूरा और बहिबल कलां में शांतमयी धरना दे रहे संगत पर पंजाब पुलिस द्वारा सियासी आकाओं के इशारे पर भारी अत्याचार किया गया और बहिबल कलां में 2 सिंह शहीद हुए। दर्जनों लोग घायल हुए। उनके दोषी भी पुलिस की गिरफत से दूर है। जत्थेदारों ने यह भी कहा कि उस वक्त बादल सरकार और अब कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने दोषियों को गिरफतार करने के लिए कुछ नहीं किया।

हालांकि दोनों सरकारों ने जांच कमीशन बिठाए। सीबीआई जांच हुई ङ्क्षकतु आज तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पंजाब में पवित्र गीता, पावन कुरान-ए- शरीफऔर बाइबल आदि की भी बेअदबी हुई। आज तक दोषी गिरफतारी से बाहर है और जांच एजेंसियां नाकामयाब साबित हो रही है। उन्होंने पंथक आगुओं और समस्त संगठनों को अपील की कि वे एक जून को बरगाड़ी में हो रहे इकटठ में शामिल हो ताकि केंद्र और राज्य सरकार पर दोषियों को गिरफतार करने का दबाव डाला जा सकें ।

भारी समूह को संबेाधित करते हुए सिंह साहिबान ने कहा कि पिछले 3 सालों से घटित हो रही बेअदबी की घटनाओं के लिए शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल, प्रधान सुखबीर सिंह बादल और सच्चा सौदा की दोस्ती को जिम्मेदार बताया। उन्होंने विधानसभा चुनावों के दौरान बेअदबी के दोषियों को 40 दिन में बेनकाब करने के दावे करने वाले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की कारगुजारी को भी फेल करार दिया और इन घटनाओं को अंजाम देने वाली साजिशों के चेहरे बेनकाब करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए बरगाड़ी में 3 साल पहले घटित घटना के एक जून को करवाएं जा रहे समागम में संगत को पहुंचने का आहवान किया।

उपरोक्त प्रवक्ताओं ने पंथक आगुओं की मौजदूगी में कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चेतावनी दी कि बेअदबी की घटनाओं पर जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की आई रिपोर्ट को एक जून से पहले सार्वजनिक करके बरगाड़ी कांड समेत बेअदबी की घटनाओं के षडयंत्रकारी चेहरों को बेनकाब करें। अन्यथा एक और दो जून को तीखे संघर्ष का ऐलान किया जाएंगा और पंजाब में खराब होने वाले माहौल के लिए कैप्टन सरकार स्वयं जिम्मेदार होंगी। इस दौरान जत्थेदार ध्यान सिंह मंड और बलजीत सिंह दादूवाल ने साफ कहा कि उक्त घटनाओं का पूरा सच बाहर लाने के लिए जेल में बंद गुरमीत राम रहीम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएं।

उन्होंने कहा कि यह घटनाएं सोची-समझी साजिश के तहत कौम पर हमला है और समूह संगत को उक्त साजिशकर्ताओं के चेहरे सामने आएं। भाई दादूवाल ने इन घटनाओं पर चुप बैठे सिख संस्थाओं, संप्रदायों के प्रमुखों और सिख प्रचारकों को सलाह दी कि वे गुरूघर के नाम पर रोटी तो खा रहे है पर गुरू के अपमान के वक्त चुप क्यों बैठे है? उनको चाहिए कि वे गुरू के हो रहे अपमान को रोकने के लिए और गुरू साहिब के सत्कार को बहाल करने के लिए एयर कंडीशन कमरों से बाहर निकले।

अन्यथा गुरू के नाम पर चलाए जा रहे डेरों और रोजगार को बंद कर दें। उन्होंने आरोप लगाया कि बरगाड़ी कांड, मौड़ बम बलास्ट और अब तक घटित बेअदबी की घटनाओं का सच पुलिस द्वारा सामने लाया गया था परंतु पहले बादल दल ने और अब कैप्टन सरकार ने आपसी गुप्त समझौते के तहत सभी जांचों को रोक दिया, जिससे साबित होता है कि पंजाब में बादल और कैप्टन सरकार की समझौता सरकार चल रही है। उन्होंने कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सलाह दी कि वह गुटका साहिब के नाम पर खाई गई शपथ को पूरा करें।

– सुनीलराय कामरेड

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