सुप्रीम कोर्ट से कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अंतरिम राहत, गिरफ्तारी पर रोक
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट को लेकर विवादों में आए कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर बनाए गए एक कार्टून से जुड़ा है, जिसे लेकर एक एफआईआर दर्ज की गई थी। मालवीय की ओर से पेश हुईं वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत में बताया कि संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को हटा दिया गया है और माफीनामा भी दाखिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि पोस्ट में अभद्र भाषा का इस्तेमाल हुआ था और वह गलत था। हमने माफी मांगी है और हलफनामा भी दाखिल करेंगे।”
शिकायतकर्ता के वकील ने इस माफीनामे और पोस्ट हटाने के दावे पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट से इसे रिकॉर्ड में लेने से पहले औपचारिक हलफनामा मांगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय को गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए कहा कि अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद होगी।
सोशल मीडिया की भूमिका पर कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाजी पर गहरी चिंता जताई। अदालत ने कहा, “आजकल सोशल मीडिया पर कोई भी किसी को भी कुछ भी कह देता है। कोई मर्यादा नहीं बची है, यहां तक कि वकीलों का समुदाय भी इससे अछूता नहीं है।” वकील वृंदा ग्रोवर ने जवाब में कहा कि वह स्वयं सोशल मीडिया से दूर हैं और उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज एफआईआर पोस्ट में अज्ञात व्यक्ति द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर है, न कि मूल कार्टून पर।
अदालत का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि हेमंत मालवीय या उनकी ओर से कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी दोबारा की जाती है, तो शिकायतकर्ता अदालत का रुख कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि कोई विवादित सामग्री सोशल मीडिया पर है, तो उसे हटा लिया जाए। हेमंत मालवीय के खिलाफ यह मामला मई 2025 में दर्ज हुआ था, जब एक फेसबुक पोस्ट में की गई टिप्पणी को RSS के एक सदस्य ने आपत्तिजनक मानते हुए शिकायत की थी।