Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

जाति आधारित सर्वेक्षण का काम पूरा, अब डाटा संकलित किया जा रहा है - नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य में लोगों की जातियों के बारे में जानकारी एकत्र करना समाप्त कर लिया है और

03:23 PM Aug 25, 2023 IST | Desk Team

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य में लोगों की जातियों के बारे में जानकारी एकत्र करना समाप्त कर लिया है और

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने राज्य में लोगों की जातियों के बारे में जानकारी एकत्र करना समाप्त कर लिया है और अब वे सभी डेटा को एक साथ रख रहे हैं। यह जानकारी जल्द ही सभी के साथ साझा की जाएगी। नीतीश कुमार का मानना ​​है कि इस सर्वेक्षण से समाज के सभी अलग-अलग समूहों के लोगों को मदद मिलेगी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने लोगों की उनकी जातियों के आधार पर गिनती पूरी कर ली है और अब वे सभी को दिखाने के लिए योजना बना रहे हैं।
Advertisement
जल्द ही सर्वाजनिक किया जाएगा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया गया है और अब डाटा संकलित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस डाटा को जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाति आधारित सर्वेक्षण समाज के सभी तबकों के लिए लाभकारी होगा। यहां संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘जाति के आधार पर लोगों की गणना की कवायद राज्य में पूरी हो चुकी है। अब डाटा संकलित किया जा रहा है और इसे जल्द ही सर्वाजनिक किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी भी शामिल है
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण सभी के लिए लाभकारी है। यह वंचित लोगों समेत समाज के विभिन्न तबकों के विकास का काम करने में सरकार को समर्थ बनाएगा। यह हमें यह जानने में मदद करेगा कि किस क्षेत्र में विकास की जरूरत है। डाटा का विस्तृत ब्योरा आने दीजिए, मैं आश्वस्त हूं कि अन्य राज्य भी इसका अनुसरण करेंगे। कुछ राजनीति दलों की ओर से जाति आधारित गणना का विरोध किये जाने के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने दावा किया कि जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का निर्णय राज्य के सभी दलों के नेताओं के बीच आम राय से लिया गया जिसमें भारतीय जनता पार्टी भी शामिल है।
इस कवायद को रोकने का निर्देश नहीं दिया
नीतीश ने कहा, ‘‘मैं इससे नहीं परेशान हूं कि वे क्या कह रहे हैं। मैं इतना कह सकता हूं कि सर्वेक्षण रिपोर्ट सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित समूहों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में सरकार की मदद करेगी। हम शुरू से ही जाति आधारित सर्वेक्षण के पक्ष में रहे हैं। हमने जाति आधारित सर्वेक्षण का फैसला खुद से लिया। जाति-आधारित सर्वेक्षण पर चल रही सुनवाई में अपना जवाब दाखिल करने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति मांगने के केंद्र के कदम पर टिप्पणी करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कभी भी इस कवायद को रोकने का निर्देश नहीं दिया।
फिर से शुरू की और इसे पूरा किया
पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिकाओं की उस खेप को खारिज कर दिया था जिसमें जाति आधारित सर्वेक्षण की वैधता को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की पहल को पूरी तरह से वैध और कानूनी रूप से सुसंगत बताया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कवायद फिर से शुरू की और इसे पूरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार दशकीय जनगणना में देरी पर चुप्पी क्यों साधे हुए है। यह प्रक्रिया 2021 में पूरी होनी चाहिए थी। उन्हें (भाजपा नेताओं को) वर्ष 2021 में की जाने वाली दशकीय जनगणना में पहले से हो रहे विलंब के बारे में कुछ कहना चाहिए।
Advertisement
Next Article