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आरक्षण का आधार जाति नही आर्थिक हालत होनी चाहिए : गगनदीप भाटिया

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03:26 PM Apr 10, 2018 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर : हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी ने जनरल व ओबीसी श्रेणी की ओर से 10 अप्र्रैल को कारोबार बंद रखने की अपील को समर्थन दे दिया है। संगठन इस दिन अन्य जन संगठनों से भी अपील करेगा कि जनरल श्रेणी की आवाज को भारत सरकार तक पहुंचाने के लिए इस का साथ दिया जाए। इस संबंधी एक प्रस्ताव भी हिन्दू महासभा राष्ट्रवादी ने पास करते हुए भारत व राज्य सरकारों से मांग की है कि देश में किसी भी तरह के आरक्षण के लिए मूल आधार आर्थिक स्थिति को बनाया जाए ना कि जाति को आधार पर बना आरक्षण दिया जाए।

हिन्दू महासभा के अध्यक्ष गगनदीप भाटिया ने कहा कि संगठन की हुई बैठक में महासभा के अलग अलग पदाधिकारियों की ओर से हिस्सा लिया गया है। इस बैठक में विद्यार्थी संगठन नेशनल स्टूडेट्स फेडरेशन के वर्करों ने भी हिस्सा लिया है। दोनों संगठन महसूस करते है कि जाति के आधार पर किसी भी तरह का आरक्षण राष्ट्र और देश की जनता के पक्ष में नहीं है। बाबा साहिब भीम राव अम्बेडकर की ओर से आरक्षण को सिर्फ पांच वर्षों के लिए प्रावधान रखा गया था। परंतु कुर्सी की भूख व सत्ता का एश ओ आराम के लिए कुछ नेताओं ने इस बढाया जाता रहा। भारत का संविधान देश के अंदर धर्म निष्पक्ष व जाति रहित भारतीय समाज की वकालत करता है। बावजूद इसके हमारे नेता भारत के संविधान की धारणों के उल्ट जाते हुए जाति प्रथा को बढ़ावा अपने कथित सत्ता सुख के स्वार्थो के लिए दे रहे है। आजादी के बाद लगातार जाति आधारित आरक्षण लागू होने के कारण असल में दलितों को कोई लाभ नहीं हुआ। बल्कि लगातार इस का लाभ उच्च आर्थिक अवस्था तक पहुंच चुके दलित ही ले रहे है।

किसी के गरीब या अमीर होने में जाति कोई सार्थक व प्रमाणिक भूमिका नही है। जबकि आर्थिकता ही प्रमाणिक भूमिका है। इस लिए देश के अंदर अमीर गरीब और दलित व संपन्न होने का आधार भी आर्थिकता ही है तो आरक्षण के लिए आर्थिकता को आधार न बना कर जाति का आधार क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन जरनल व ओबीसी श्रेणी की ओर से 10 अप्रैल को कारोबार बंद रखने के लिए जो तर्क दे रहा है इस के साथ हिन्दू महासभा पूरी तरह समहत है और अन्य संगठनों को भी अपील करता है कि इस इन अपने कारोबारों को बंद रख कर आरक्षण के लिए आर्थिकता का आधार होने को लागू करवाया जाए।

उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से 10 अप्रैल को बंद करवाने के लिए न तो कोई मार्च निकाले जाएंगे, न ही कोई विरोध प्रदर्शन या रैलियां निकाली जाएंगी, न ही लोगों को बंद रखने के लिए जबरदस्ती मजबूर किया जाए। सिर्फ जनता को अपील की जाएगी कि वह स्वयं ही अपने कारोबार शांतिमय ढंग से बंद रख कर सरकार को इस मुद्दे के प्रति सोचने के लिए मजबूर करें।

– सुनीलराय कामरेड

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