तेलंगाना में आज से शुरू होगा जातिगत सर्वेक्षण, 80 हजार कर्मचारी गांव-गांव से जुटाएंगे डेटा
तेलंगाना सरकार जातिगत और आर्थिक जनगणना कराएगी। यह जनगणना छह नवंबर से शुरू होगी। इसमें 80 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे।
Telangana: तेलंगाना सरकार जातिगत और आर्थिक जनगणना कराएगी। यह जनगणना आज यानी छह नवंबर से शुरू होगी। इसमें 80 हजार से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे। तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू ने बताया कि इस जनगणना के सामने आने वाले डाटा से राज्य के विकास में काफी मदद मिलेगी।
Proud to be part of a landmark moment in the journey towards equality!
Joined Shri @RahulGandhi and esteemed leaders for a crucial discussion on the #CasteCensus, a vital step towards justice and equal resource distribution for all. With CM @revanth_anumula garu and our… pic.twitter.com/Cd9WDskhzm— Bhatti Vikramarka Mallu (@Bhatti_Mallu) November 5, 2024
सर्वेक्षण से लोगों का होगा उत्थान
जिला कलेक्टरों के साथ मंत्रियों की एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में विक्रमार्क ने अधिकारियों से सर्वे को पूरी गंभीरता से करने के लिए कहा। विक्रमार्क ने एक्स पर लिखा कि 6 नवंबर से शुरू होने वाला सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण नीतियों की जानकारी देगा और हाशिए पर रहने वाले समुदायों का उत्थान करेगा। कलेक्टर सर्वेक्षण में गणनाकारों के रूप में शिक्षकों की सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
30 नवंबर को पूरा होगा सर्वेक्षण
राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने कहा कि सर्वेक्षण के 30 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है। यह कवायद राज्य के साथ-साथ पूरे देश में जाति सर्वेक्षण कराने की कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिबद्धता के अनुरूप की जा रही है। इससे पहले तेलंगाना पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुक्रवार को राज्य में जाति जनगणना करने की प्रक्रिया शुरू करते हुए सार्वजनिक सुनवाई के लिए अधिसूचना जारी की थी।
जनगणना में 80 हजार कर्मचारी होंगे शामिल
आयोग के अध्यक्ष जी निरंजन ने बताया था कि जनगणना में लगभग 80000 गणनाकार और 10000 पर्यवेक्षक शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, डाटा जमा करने की अंतिम तिथि 9 दिसंबर है। जनगणना में नागरिकों की सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी, साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उन्हें राजनीतिक अवसर मिले हैं या नहीं। आयोग डाटा के आधार पर स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश करेगा।
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