आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. Punjabkesari.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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Causes of missed period: कई बार महिलाओं का पीरियड्स मिस हो जाता है या इर्रेगुलर रहता है। ऐसे में वे घबरा जाती हैं, कि कहीं वे गर्भवती तो नहीं। लेकिन, जरूरी नहीं कि प्रेग्नेंट होने पर ही मेंस्ट्रुअल साइकिल मिस हो। कई शारीरिक समस्याओं, बीमारियों के कारण भी पीरियड्स डिले हो सकती है. जानिए, मिस्ड पीरियड्स के कुछ कारणों के बारे में।
Highlights
अक्सर कुछ महिलाओं को इर्रेगुलर पीरियड्स (irregular periods in women) की समस्या होती है। दो-तीन महीने तक पीरियड्स नहीं आता है। इसे पीरियड्स का अनियमित होना, इर्रेगुलर पीरियड्स या पीरियड्स का मिस होना भी कहते हैं। पीरियड्स इर्रेगुलर (irregular periods) होता है, तो हेवी ब्लीडिंग या फिर बहुत ही कम ब्लीडिंग होती है। पेट दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, उल्टी जैसी कई समस्याएं अलग से झेलनी पड़ती है। एक-दो बार पीरियड्स मिस हो, तो ठीक है या फिर इसकी वजह आपका प्रेग्नेंट होना भी हो सकता है, लेकिन बार-बार यह समस्या हो, तो जरूरी नहीं कि आप प्रेग्नेंट ही हों।
एमेनोरिया- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स हेल्थ डॉट ओआरजी में छपी एक खबर के अनुसार, यदि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं फिर भी आपका पीरियड डिले हो रहा है या एक-दो महीने से नहीं हुआ है तो आप एमेनोरिया (amenorrhea) से ग्रस्त हो सकती हैं। यह एक मेडिकल टर्म है, जिसका मतलब है मेंस्ट्रुअल साइकिल में कमी। हालांकि, एमेनोरिया कोई बीमारी नहीं है, पर यह किसी अन्य कंडीशन का लक्षण हो सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट से जरूर दिखा लें।
तनाव शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। इससे सोना, खाना-पीना, कार्य सभी पर असर हो सकते हैं। साथ ही स्ट्रेस पीरियड्स का देरी से आने क लिए भी जिम्मेदार होता है। अत्यधिक तनावग्रस्त होने से 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में मासिक धर्म चक्र पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। यदि आप हर समय तनावग्रस्त (क्रोनिक स्ट्रेस) में रहती हैं तो आपका पीरियड्स पूरी तरह से रुक सकता है।
कई बार पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण भी महिलाओं में पीरियड्स रुक जाता है। जब मेल हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर उच्च होता है, तो पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का निदान किया जा सकता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण, अंडाशय पर अक्सर सिस्ट बन जाती हैं और ओव्यूलेशन रुकने का कारण बनती हैं।
कई बार अधिक वजन बढ़ने से भी पीरियड्स मिस हो सकता है। शरीर का कम वजन या खान-पान संबंधी विकार ओव्यूलेशन को रोक सकता है या मासिक धर्म को अनियमित कर सकता है। हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और मोटापा हॉर्मोंस मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन में बदलाव का कारण बनते हैं। इस स्थिति में भी मेंस्ट्रुअल साइकिल में देरी होती है।
कुछ क्रोनिक डिजीज भी मिस पीरियड्स का कारण बनते हैं। सीलियक डिजीज, डायबिटीज, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, थायरॉइड और कुछ दवाओं के सेवन से भी मासिक धर्म इर्रेगुलर हो सकता है।
कुछ महिलाएं जल्दी मां ना बनने के कारण गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं। जन्म नियंत्रण के कई रूप ओव्यूलेशन को प्रभावित करने के लिए हार्मोन पर निर्भर करते हैं। कई बार तो इन दवाओं का असर ऐसा होता है कि तीन या उससे भी अधिक माह तक पीरियड्स नहीं होता।