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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सोमवार को सॉफ्टवेयर कंपनी से कथित तौर पर दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए ईपीएफओ के अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंपनी को केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत तीन करोड़ रुपये से अधिक धनराशि मिली थी।
अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु के तिरुनेवेली में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में कार्यरत अधिकारी पी. काबिलन को कथित तौर पर पता चला था कि कंपनी को नए कर्मचारियों के ईपीएफ योगदान से नयी नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत तीन करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने बताया कि काबिलन ने सॉफ्टवेयर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए उसके मालिक से कथित तौर पर कुल धनराशि का पांच प्रतिशत यानी 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, आरोप है कि आरोपी अधिकारी ने शिकायतकर्ता कंपनी के दस्तावेज मांगकर उनका सत्यापन किया। इस दौरान अधिकारी को पता चला कि कंपनी को केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) योजना के तहत तीन करोड़ रुपये (लगभग) की राशि प्राप्त हुई थी। अधिकारी कथित तौर पर शिकायतकर्ता से उक्त राशि में से रिश्वत के रूप में पांच प्रतिशत राशी मांगी। प्रवक्ता ने कहा कि आरोपों की पुष्टि होने के बाद सीबीआई की टीम ने जाल बिछाकर अधिकारी को कथित तौर पर दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।