AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर पर CBI की छापेमारी, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन
CBI ने दुर्गेश पाठक के घर की तलाशी, विदेशी फंडिंग की जांच जारी
आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज पर सीबीआई ने विदेशी फंडिंग मामले में छापेमारी की। एफसीआरए उल्लंघन के आरोप में जांच के तहत सीबीआई ने यह कदम उठाया है। एफआईआर में आप पर विदेशी चंदा लेने और उसे सही तरीके से दर्ज न करने के आरोप हैं। आप द्वारा संदिग्ध तरीकों से अवैध रूप से विदेशी चंदा स्वीकार करना और हेरफेर किए गए पहचान चिह्नों का उपयोग करके विदेशी नागरिकों से चंदा लेना शामिल है।
आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज पर CBIने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। दरअसल CBI ने FCRA के उल्लंघन मामले में जांच शुरू कर दी है। सीबीआई एफसीआरए उल्लंघन के आरोप में आप नेताओं दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज की जांच कर रही है। बता दें कि यह मामला आम आदमी पार्टी (आप) और उसके कुछ पदाधिकारियों से संबंधित है, जिन पर 2020 में संशोधित विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 2010 का उल्लंघन करने का आरोप है। एफआईआर के अनुसार यह मामला दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज सहित आप (आम आदमी पार्टी) के पदाधिकारियों के खिलाफ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब गृह मंत्रालय (एमएचए) की अनुमति के आधार पर औपचारिक रूप से जांच कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की और एमएचए के साथ निष्कर्ष साझा किए।
#WATCH दिल्ली: CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की टीम AAP नेता दुर्गेश पाठक के घर की तलाशी के बाद रवाना हुई।
मामला AAP और उसके कुछ पदाधिकारियों पर विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) का कथित तौर पर उल्लंघन करने का है। pic.twitter.com/kAFnHKoVDw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2025
क्या है मामला?
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि आप पार्टी ने विदेशी धन जुटाने के लिए यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में स्वयंसेवकों के साथ “आप ओवरसीज इंडिया” नामक एक नेटवर्क बनाया। कथित तौर पर इन्हें कानूनी दान चैनलों को दरकिनार करते हुए सीधे आप नेताओं को हस्तांतरित किया गया और आधिकारिक दस्तावेजों में ठीक से दर्ज नहीं किया गया। बता दें कि आरोप एफसीआरए का उल्लंघन कर विदेशी चंदा लेने के हैं, जिसमें आप द्वारा संदिग्ध तरीकों से अवैध रूप से विदेशी चंदा स्वीकार करना और हेरफेर किए गए पहचान चिह्नों का उपयोग करके विदेशी नागरिकों से चंदा लेना शामिल है।
कनाडाई दानदाताओं की पहचान छिपाई गई
एफआईआर में कहा गया है कि विदेश में 155 लोगों ने 55 पासपोर्ट नंबरों का इस्तेमाल कर 1 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया, जिसमें पहचान में ओवरलैप है। आप द्वारा दावा किए गए 201 दानदाताओं ने वास्तव में 639 अवसरों पर सिर्फ 51 ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया। 71 दानदाताओं ने केवल 21 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया और 75 लोगों ने लगभग 20 लाख रुपये दान करने के लिए 15 क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया। कनाडाई दानदाताओं की पहचान छिपाई गई थी। 19 कनाडाई लोगों से 51 लाख रुपये की सही तरीके से घोषणा नहीं की गई थी। एक कनाडाई नागरिक ने आप के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सीधे दान दिया।
आप नेता संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भाजपा और मोदी सरकार का गंदा खेल फिर शुरू हो गया है। इससे पहले भी आप को रोकने की पूरी कोशिश की गई। हमारे सबसे बड़े नेता को जेल में डाल दिया गया, पंजाब और दिल्ली में छापेमारी की गई। आज फिर भाजपा ने ऐसी ही नापाक कोशिश की है। मोदी जी ने पार्टी के पीएसी सदस्य और गुजरात के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई भेजी है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने संगठन को मजबूत करने के लिए उन्हें गुजरात भेजा था।