CDS अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की मुलाकात, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर हुई चर्चा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से नियंत्रण रेखा…
सीडीएस जनरल अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच आतंकवाद के खिलाफ रणनीति पर महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में जनरल चौहान ने सैन्य तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। एलओसी पर पाकिस्तानी गोलाबारी के जवाब में भारतीय सेना की सख्त कार्रवाई के बीच यह बैठक सुरक्षा के लिहाज से अहम मानी जा रही है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से नियंत्रण रेखा (LoC) पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पाकिस्तान की सेना बीते तीन दिनों से लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी कर रही है, जिसका भारतीय सेना ने सख्ती से और त्वरित जवाब दिया है।
सीडीएस और रक्षा मंत्री के बीच आतंकवाद विरोधी रणनीति पर अहम बैठक
इन सबके बीच रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक रक्षा मंत्री के आवास पर करीब 40 मिनट तक चली। माना जा रहा है कि इस दौरान जनरल चौहान ने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य रणनीति और तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बीएसएफ अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के साथ की समीक्षा बैठक
इसके अलावा, दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों की भी मौजूदगी रही। बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल दलजीत सिंह चौधरी ने गृह मंत्रालय का दौरा किया, जहां जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर चर्चा की गई।
एलओसी पर पाकिस्तानी गोलाबारी का भारतीय सेना ने दिया करारा जवाब
सेना के अनुसार, 26-27 अप्रैल की रात पाकिस्तानी सेना ने तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के सामने वाले इलाकों में बिना किसी उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की। भारतीय सैनिकों ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए उचित छोटे हथियारों से प्रभावी कार्रवाई की।
भारतीय नौसेना की युद्ध तैयारी : एंटी-शिप फायरिंग अभ्यास सफल
इसी बीच, भारतीय नौसेना ने भी अपनी तैयारियों का प्रदर्शन करते हुए एक सफल एंटी-शिप फायरिंग अभ्यास किया। नौसेना ने स्पष्ट किया कि वह देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किसी भी समय, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस अभ्यास ने नौसेना के प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की लंबी दूरी तक सटीक आक्रामक हमले करने की क्षमता को फिर से प्रमाणित कर दिया है।