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मेडिकल व इलेक्ट्राॅनिक कचरे के निष्पादन के लिए राज्यों की बैठक पर केन्द्र सहमत- उपमुख्यमंत्री

इस अवसर पर श्री मोदी ने बताया कि ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत बिहार में अगले 3 वर्षों में 24 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर तालाब, पोखर, आहर, पाईन आदि को अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जायेगा।

02:21 PM Nov 30, 2019 IST | Desk Team

इस अवसर पर श्री मोदी ने बताया कि ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत बिहार में अगले 3 वर्षों में 24 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर तालाब, पोखर, आहर, पाईन आदि को अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जायेगा।

पटना नई दिल्ली के महाराष्ट्रा सदन में आयोजित राज्यों के वन मंत्रियों की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बिहार की मांग पर सिंगल यूज प्लास्टिक, मेडिकल व इलेक्ट्राॅनिक कचरे के निष्पादन में आ रही परेशानियों पर विचार के लिए राज्यों की एक दिवसीय बैठक आयोजित करने पर केन्द्र सरकार ने सहमति दी है। बिहार में अगले एक वर्ष में केम्पा फंड के तहत मिले 522 करोड़ रुपये में से 140 करोड़ से वनक्षेत्र में एक करोड़ नए क्षतिपूरक पौधारोपन, 47,282 हेक्टेयर वनक्षेत्र में मृदा व जल संरक्षण, पहले लगाए गए पौधों की रखरखाव व पौधशालाओं के निर्माण तथा वन्य प्राणी संरक्षण आदि पर खर्च किए जायेंगे। 
इसके अलावा बिहार के 12 प्राकृतिक वन क्षेत्रों में से प्रत्येक में 300 हेक्टेयर वनभूमि चिन्ह्ति कर लैंड बैंक तैयार कर क्षतिपूरक वनीकरण हेतु पौधारोपन किया जायेगा। ज्ञातव्य है कि वन क्षेत्र के अन्य उपयोग के एवज में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित केम्पा फंड में राज्यों की जमा 47 हजार करोड़ रुपये में से बिहार को 522 करोड़ मिला है। इस अवसर पर श्री मोदी ने ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण हेतु वाहनों में लगने वाले मल्टीटोन हाॅर्न के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग की तथा साथ ही सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र के छोटे अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि जो किराए के मकान में चल रहे हैं या जिनके पास मेडिकल कचरा निष्पादन प्लांट लगाने की जगह नहीं है, उनके लिए माॅडल गाइड लाइन तैयार किया जाए। 
इस असवर पर उन्होंने बताया कि ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के तहत बिहार में अगले 3 वर्षों में 24 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर तालाब, पोखर, आहर, पाईन आदि को अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जायेगा। तीन साल में 7.5 करोड़ से ज्यादा जिसमें अगले साल एक दिन में 2.51 करोड़ पौधारोपण किया जायेगा। इसके साथ ही सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग व जल संरक्षण के अन्य कार्य किए जायेंगे।
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