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चुनाव से केंद्र ने लिया बड़ा फैसला, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने सोमवार को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने का निर्णय लिया है।

10:48 AM Nov 01, 2022 IST | Desk Team

गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने सोमवार को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने का निर्णय लिया है।

गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र ने सोमवार को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत भारतीय नागरिकता देने का निर्णय लिया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), 2019 के बजाय, इन शरणार्थियों को 1955 के नागरिकता अधिनियम के तहत नागरिकता देने का निर्णय बहुत महत्व रखता है।
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अब तक किसी को भी नागरिकता नहीं दी जा सकी
CAA के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों अदि देशो से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। लेकिन इस अधिनियम के तहत नियम अभी तक सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं। जिसके कारण अब तक किसी को भी नागरिकता नहीं दी जा सकी है। 
2009 के प्रावधानों के अनुसार दिया जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय की जारी अधिसूचना के मुताबिक, गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता अधिनियम, 1955 या अधिनियम की धारा 5 के तहत भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति होगी। देशीयकरण का प्रमाण पत्र आईपीसी की धारा 6 और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार दिया जाएगा।
केंद्र सरकार को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी
अधिसूचना के अनुसार इन आणंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले ऐसे लोगों को नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। उसके बाद जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा आवेदनों का सत्यापन किया जाएगा। आवेदन और उस पर रिपोर्ट एक साथ केंद्र सरकार को ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी।
मोदी सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देना चाहती है।
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