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अनुसूचित जाति के सभी समुदायों के हितों के संरक्षण और उन्हें समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इस संदर्भ में उन सभी समुदायों से संवाद किया जा रहा है, जिनकी शिकायत रही है कि उन्हें अनुसूचित जाति के लिए की गई व्यवस्थाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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सरकार के सूत्रों के अनुसार, सचिवों की एक समिति ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में मदिगा और इसी तरह के कुछ अन्य समुदायों से संवाद किया है। गौरतलब है कि यह समिति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता कैबिनेट सचिव कर रहे हैं। समिति मौजूदा व्यवस्थाओं और प्रशासनिक कदमों की समीक्षा के साथ ऐसे सुझाव देगी, जिससे अनुसूचित जाति के सभी समुदायों के हितों का संरक्षण किया जा सके और किसी के साथ भी भेदभाव की गुंजाइश न रहे।
सूत्रों के अनुसार, समिति ने अपनी दूसरी बैठक में मदिगा समेत कई अन्य जातियों के पक्ष पर गंभीरता से विचार किया है। इनकी शिकायत रही है कि उन्हें लाभ में उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है। समिति ने मदिगा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की है। इस प्रतिनिधिमंडल में तीनों राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधमंडल ने इससे खुशी जताई कि पीएम ने उनकी चिंताओं पर गौर किया है और उनके निराकरण के लिए सचिवों की एक विशेष समिति का गठन किया है। प्रतिनिधिमंडल ने समिति के सदस्यों को अपने समुदाय की सामाजिक, आर्थिक स्थितियों से अवगत कराया। साथ ही यह भी बताया कि उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभ हासिल करने में कैसी-कैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने सरकार के आग्रह किया कि उनके लिए केंद्र और राज्य सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सुनिश्चित किए जाएं। सूत्रों के अनुसार समिति ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार विभिन्न सामाजिक समूहों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन की सतत निगरानी करती है और उनकी ओर से जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनका यथाशीघ्र निराकरण किया जाएगा।