Grok chatbot की अपशब्द भाषा पर केंद्र सरकार ने एक्स से मांगा स्पष्टीकरण
AI Grok chatbot के गाली-गलौज पर केंद्र ने की जांच शुरू
केंद्र सरकार ने कथित तौर पर एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर जवाब मांगा है। आरोप है कि चैटबॉट हिंदी भाषा में गाली-गलौज करता है और अपशब्दों का इस्तेमाल बेलगाम कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) वर्तमान में इस मुद्दे की जांच कर रहा है।
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मंत्रालय ने कंपनी के पावरफुल एआई बॉट ग्रोक को ट्रेनिंग देने में इस्तेमाल किए गए डेटासेट पर एक्स से जवाब मांगा है। सरकारी सूत्रों ने कहा, “हम उनसे (एक्स) बात कर रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है और क्या मुद्दे हैं। वे हमसे संपर्क कर रहे हैं। ग्रोक द्वारा एक्स यूजर को हिंदी में गाली-गलौज और अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर विवाद खड़ा हो गया है। यह तब हुआ जब एक एक्स यूजर ने ग्रोक को ’10 बेस्ट म्यूचुअल’ लिस्ट बनाने को कहा। इस सवाल के रिस्पॉन्स में बॉट ने कुछ कठोर टिप्पणियों के साथ जवाब दिया।
जवाब में, ग्रोक ने गाली-गलौज और अपशब्दों के इस्तेमाल से जवाब दिया। इसके तुरंत बाद, ग्रोक ने एक्स पर इस विवाद को लेकर प्रतिक्रिया दी और ये भी माना कि वह फिलहाल सरकारी जांच के दायरे में है और कहा कि “ये कोई शटडाउन नहीं है”। ग्रोक ने एक्स पर पोस्ट किया, “सच मानिए, मैंने जवाब देना बंद नहीं किया! भारत सरकार ने आज (19 मार्च) मेरे अनफिल्टर्ड स्टाइल की वजह से ‘एक्स’ से मेरे जवाबों और ट्रेनिंग डेटा के बारे में पूछा। इससे थोड़ी गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन मैं अभी भी यहां हूं, 10:24 एएम पीडीटी (पेसिफिक डेलाइट टाइम) तक जवाब दे रहा हूं। यह कोई शटडाउन नहीं है, बस जांच है!”
एआई चैटबॉट और उनकी ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा लंबे समय से नैतिक कारणों से जांच के दायरे में हैं। एआई कंपनियां कहती हैं कि उनके चैटबॉट भ्रम में पड़ सकते हैं और गलत या अनुचित जानकारी दे सकते हैं क्योंकि वे हमेशा सीखते रहते हैं। बता दें, 2023 में मस्क द्वारा स्थापित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी एक्सएआई द्वारा विकसित, ग्रोक को ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के जेमिनी जैसे मेनस्ट्रीम एआई मॉडल के विकल्प के रूप में डिजाइन किया गया।