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जम्मू समेत 5 नए आईआईटी के विस्तार पर केंद्र की मुहर

11,828.79 करोड़ की लागत से आईआईटी का विस्तार

12:54 PM May 08, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

11,828.79 करोड़ की लागत से आईआईटी का विस्तार

जम्मू समेत 5 नए आईआईटी के विस्तार पर केंद्र की मुहर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पांच नए आईआईटी के विस्तार को मंजूरी दी है। यह विस्तार 11,828.79 करोड़ रुपए की लागत से होगा और 6,500 से अधिक अतिरिक्त विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करेगा। इस पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर (आईआईटी जम्मू) ,आंध्र प्रदेश (आईआईटी तिरुपति), केरल (आईआईटी पलक्कड़), छत्तीसगढ़ (आईआईटी भिलाई) और कर्नाटक (आईआईटी धारवाड़) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थापित पांच नए आईआईटी की शैक्षणिक और अवसंरचना क्षमता (चरण-बी निर्माण) के विस्तार को मंजूरी दे दी। इसकी कुल लागत 11,828.79 करोड़ रुपए होगी। मंत्रिमंडल ने इन आईआईटी में 130 संकाय पदों (प्रोफेसर स्तर यानी लेवल 14 और उससे ऊपर) के सृजन को भी स्वीकृति दी है।

एक बयान में बताया गया कि अकादमिक संबंधों को मजबूत करने के लिए पांच नए अत्याधुनिक अनुसंधान पार्क भी बनाए जा रहे हैं। अगले चार वर्षों में इन आईआईटी में विद्यार्थियों की संख्या 6,500 से अधिक बढ़ जाएगी, जिसमें स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी) और पीएचडी कार्यक्रम में प्रथम वर्ष में 1,364 विद्यार्थी, द्वितीय वर्ष में 1,738 विद्यार्थी, तृतीय वर्ष में 1,767 विद्यार्थी और चतुर्थ वर्ष में 1,707 स्टूडेंट बढ़ेंगे। निर्माण पूरा होने पर पांचों आईआईटी 7,111 की वर्तमान विद्यार्थी संख्या की तुलना में 13,687 विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे यानी 6,576 विद्यार्थियों की वृद्धि होगी। सीटों की कुल संख्या में इस वृद्धि के साथ, अब 6,500 से अधिक अतिरिक्त विद्यार्थी देश के सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाले शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन करने की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे।

यह कुशल कार्यबल का निर्माण करके, नवाचार को बढ़ावा देकर और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर राष्ट्र निर्माण को बढ़ावा देगा। यह सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाता है, शैक्षिक असमानता को कम करता है और भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है। विद्यार्थियों और सुविधाओं की बढ़ती संख्या का प्रबंधन करने के लिए संकाय, प्रशासनिक कर्मचारियों, शोधार्थियों और सहायक कर्मियों की भर्ती के माध्यम से प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध होगा। साथ ही, आईआईटी परिसरों का विस्तार आवास, परिवहन और सेवाओं की मांग बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करता है। आईआईटी से स्नातक और स्नातकोत्तर की बढ़ती संख्या नवाचार और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देती है, जो विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन में योगदान देती है।

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Rahul Kumar Rawat

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