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केंद्र ने आरटीएस और डीआरई टेक्नोलॉजी पर इनोवेटिव ‘स्टार्ट-अप चैलेंज’ किया शुरू

आरटीएस और डीआरई में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप चैलेंज

07:55 AM Jun 23, 2025 IST | IANS

आरटीएस और डीआरई में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप चैलेंज

केंद्र सरकार ने शनिवार को देश में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) और डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी (डीआरई) टेक्नोलॉजी में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए 2.3 करोड़ रुपए के प्राइज पूल के साथ एक इनोवेटिव ‘स्टार्ट-अप चैलेंज’ शुरू किया। इस यूनिक नेशनल इनोवेशन चैलेंज का उद्देश्य भारत के आरटीएस और डीआरई इकोसिस्टम के लिए सफल समाधानों की पहचान करना और उनका समर्थन करना है। इस चैलेंज को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के तहत में राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान (एनआईएसई) के सहयोग और स्टार्टअप इंडिया, डीपीआईआईटी के समन्वय से क्रियान्वित किया जा रहा है। चुने हुए इनोवेटर्स कुल 2.3 करोड़ रुपए के पुरस्कार के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। इसमें प्रथम स्थान के तहत 1 करोड़ रुपए, दूसरे स्थान के लिए 50 लाख रुपए और तीसरे स्थान के लिए 30 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके अलावा, 5 लाख रुपए के 10 सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बयान के अनुसार, विजेताओं को एमएनआरई और एनआईएसई द्वारा इनक्यूबेशन सपोर्ट, प्रायोगिक तौर पर कार्यान्वयन के अवसर और डोमेन एक्सपर्ट्स और निवेशकों से मार्गदर्शन मिलेगा। आवेदन की अंतिम तिथि 20 अगस्त है और परिणाम 10 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। स्टार्ट-अप चैलेंज भारत में इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स से आवेदन आमंत्रित करता है। यह रिन्यूएबल एनर्जी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए चार प्रमुख श्रेणियों वहनीयता, लचीलापन, समावेशिता और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी पर केंद्रित है।

समावेशिता के तहत कम्युनिटी सोलर, वर्चुअल नेट मीटरिंग और इंक्लूसिव फाइनेंसिंग मॉडल के जरिए वंचित समुदायों तक पहुंच का विस्तार करने पर फोकस रहेगा। पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी के तहत सोलर पैनल रिसाइक्लिंग, लैंड-न्यूट्रल सोलर डिप्लोयमेंट और हाइब्रिड क्लीन एनर्जी मॉडल्स जैसी इको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी को प्रमोट किया जाएगा।

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