CEO जॉन नेफ़र ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में की भारत की तारीफ, कहा- अब तक का शानदार प्रोग्रेस
भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में CEO जॉन नेफ़र ने की प्रशंसा
जॉन नेफ़र ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की शानदार प्रगति की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर परिदृश्य में अहम भूमिका निभा रहा है और चिप डिजाइन से विनिर्माण की ओर बढ़ रहा है।
शुक्रवार को सेमीकंडक्टर उद्योग संघ के CEO जॉन नेफ़र ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत की उपलब्धि पर जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि भारत बहुत तेजी से वैश्विक सेमीकंडक्टर परिदृश्य में एक अहम भूमिका निभा रहा है। चिप डिजाइन में एक गढ़ से विनिर्माण की तरफ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत इस क्षेत्र में “बहुत कुछ सही किया है”. यह देखते हुए कि वैश्विक सेमीकंडक्टर कार्यबल का 20 फीसदी कार्यबल यहां है।
कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट में बोले नेफ़र
शुक्रवार को दिल्ली में 9वें कार्नेगी ग्लोबल टेक समिट को संबोधित करते हुए , नेफ़र ने कहा, जब हमारे क्षेत्र की बात आती है तो भारत ने बहुत कुछ सभी किया है। हमारे 20 फीसदी कार्यबल भारत में हैं। आगे कहा कि हमारे पास इसके लिए एक अच्छा पारिस्थितिकी तंत्र मौजूद है। हमें लगता है कि हम अभी बहुत महत्वपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पास एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता भी है। आगे कहा यह बादलाव के लिए दो संभावित वेक्टर हैं, जो वास्तव में अंतर ला सकते हैं। भारत ने न सिर्फ अभी तक कुछ शानदार प्रगति की है। दो साल पहले, वास्तव में कुछ भी नहीं था।
70 फीसदी चीन पर आश्रित
इस दौरान CEO नेफ़र ने आगे कहा,”भारत अभी भी शुरूआती समानों जैसे कच्चे माल के लिए 70 फीसदी चीन पर आश्रित है। इसलिए, अगर हम पूरी वैल्यू चैन को संबोधित नहीं करते हैं, तो हम किसी भी परेशानी को सही नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज एक बड़ा चांस है। अमेरिका में मरीजों द्वारा उपभोग की जाने वाली चालीस से पचास प्रतिशत दवाइयां भारत से आती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह पिछले 4 दशकों से हमारी साझेदारी की वजह से हो रहा है।
भारत की तरफ से बोले सुशील पाल
आईसीईटी के बारे में बोलते हुए, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव, सुशील पाल ने कहा, “आईसीईटी अमेरिका के साथ सबसे अधिक उत्पादक द्विपक्षीय सहयोगों में से एक रहा है…” “मुझे लगता है कि आईसीईटी अमेरिका के साथ सबसे अधिक उत्पादक द्विपक्षीय सहयोगों में से एक रहा है। भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट अमेरिकी उद्योग के सहयोग से बनाया गया था और पायलट सुविधाओं से उत्पादन पहले ही शुरू हो चुका है। उम्मीद है कि साल के अंत तक, मुझे लगता है कि मुख्य सुविधा से भी, यह शुरू हो जाना चाहिए।