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नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने निरीक्षण के दौरान खामी मिलने पर लिया एक्शन

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अपने अधिकारियों के साथ निरीक्षण पर निकले तो उन्हें पता चला कि प्रदूषण के चलते ग्रेप-4 लागू है। लेकिन, सेक्टर-146 और 147 के बीच एप्रोच रोड का काम इससे पहले से बंद है।

06:46 AM Nov 28, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अपने अधिकारियों के साथ निरीक्षण पर निकले तो उन्हें पता चला कि प्रदूषण के चलते ग्रेप-4 लागू है। लेकिन, सेक्टर-146 और 147 के बीच एप्रोच रोड का काम इससे पहले से बंद है।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने निरीक्षण के दौरान खामी मिलने पर लिया एक्शन

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अपने अधिकारियों के साथ निरीक्षण पर निकले तो उन्हें पता चला कि प्रदूषण के चलते ग्रेप-4 लागू है। लेकिन, सेक्टर-146 और 147 के बीच एप्रोच रोड का काम इससे पहले से बंद है। मौके पर ना तो कोई विशेष मशीनरी थी और ना निर्माण सामग्री। यहां बनाई गई रिटेनिंग वॉल में हनी-कॉबिंग मिली। यही नहीं वॉल एक सीध में नहीं बनी थी। सीईओ ने एक्शन लेते हुए डीजीएम को नोटिस दिया और जवाब मांगा है। सर्किल-10 के वरिष्ठ प्रबंधक को प्रतिकूल प्रविष्टि प्रबंधक और अवर अभियंता का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा लिंक रोड

दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए सेक्टर-146 और सेक्टर-147 के बीच लिंक रोड बनाया जा रहा है। यह लिंक रोड ग्रेटर नोएडा में एलजी चौक तक है। यह लिंक रोड नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से बनाया जा रहा है। ऐसे में हिंडन ब्रिज से नोएडा की ओर 45 मीटर चौड़ी एप्रोच रोड बनाई जा रही है। इसका निरीक्षण सीईओ लोकेश एम. ने किया। इस लिंक रोड के बनने से औद्योगिक सेक्टर 151, 153, 154, 155, 156, 157, 158, 159, 160 एवं 162 में विकसित की जा रही औद्योगिक इकाइयों में आवागमन सुगम होगा। जिससे औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी।

नोएडा प्राधिकरण का अधिकारियों के खिलाफ एक्शन

वर्तमान में उक्त परियोजना का लगभग 32 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसे अगस्त 2025 तक पूरी तरह से पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। निरीक्षण के दौरान अवगत कराया गया कि वर्तमान में ग्रेप स्टेज-4 लागू है। ऐसे में कार्य पूरी तरह से बंद है। निरीक्षण में साफ दिख रहा था कि साइट पर कार्य काफी समय से बंद है। कार्यस्थल पर ना तो कोई विशेष मशीनरी उपलब्ध थी और स्थल पर निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी नहीं थी। इसके अलावा अन्य कमियां मिलने पर प्राधिकरण ने डीजीएम समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया।

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