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चैतन्य बघेल ने शराब सिंडिकेट की जेब में डाले 2100 करोड़ रुपए! जानें क्यों हुई पूर्व CM के बेटे की गिरफ्तारी

02:12 PM Jul 18, 2025 IST | Neha Singh
Chaitanya Baghel Arrested

Chaitanya Baghel Arrested : छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य गिरफ्तार हो गए हैं। आज सुबह ED ने भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ईडी ने चैतन्य को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी कांग्रेस सरकार में हुए शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है। ईडी ने इससे पहले मार्च 2025 में भी चैतन्य बघेल के खिलाफ इसी तरह की छापेमारी की थी, लेकिन उस समय पर्याप्त सबूत न होने के कारण आगे की कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन आज सुबह भिलाई आवास पर छापेमारी के बाद चैन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया। आपको बताते हैं कि यह पूरा शराब घोटाला क्या है।

अब तक 205 करोड़ की संपत्ति जब्त

ईडी के अनुसार, साल 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस सरकार में यह कथित शराब घोटाला हुआ, जब भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे। इस घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य ने शराब सिंडिकेट को फायदा पहुंचाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में ईडी की पहली एफआईआर खारिज कर दी थी। इसके बाद ईडी ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा /भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एक नई प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और फिर खुद भी एक नया मामला दर्ज किया।

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Chaitanya Baghel Arrested

2100 करोड़ का नुकसान

ईओडब्ल्यू/एसीबी ने पिछले साल 17 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों कांग्रेस के हारने के बाद 70 व्यक्तियों और कंपनियों को नामजद किया था। ईडी ने अब तक इस मामले में  205 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब 'घोटाले' से राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ है और 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक कमाई शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में चली गई।

ये कांग्रेस नेता भी शामिल

ईडी की जांच में पता चला कि पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को इस घोटाले से होने वाली का कमाई को मोटा हिस्सा दिया जाता था। जनवरी में ईडी ने कवासी लखमा के अलावा रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था।

घोटाले से राज्य को हुआ नुकसान

जांच एजेंसी के मुताबिक इस घोटाले से जुड़े लोग एक संगठित शराब सिंडिकेट का हिस्सा थे, जिसने अवैध तरीके से भारी मुनाफा कमाया। चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel Arrested) पर इस अवैध धन का लाभ उठाने का आरोप है, जिसके चलते ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि भूपेश बघेल एक प्रमुख नेता हैं और उनकी सरकार के कार्यकाल में यह कथित घोटाला सामने आया।

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