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Chaitra Navratri 2020: आज है मां कालरात्रि की पूजा का दिन, जानें पूजा विधि, भोग, मंत्र

नवदुर्गा का सातवां रूप माता कालरात्रि का है। काला रंग मां कालरात्रि का प्रिय है और तीन नेत्रधारी ये हैं। विद्युत् की अद्भुत माला माता कालरात्रि के गले में होती है। खड्ग और कांटा इनके हाथों

12:13 PM Mar 31, 2020 IST | Desk Team

नवदुर्गा का सातवां रूप माता कालरात्रि का है। काला रंग मां कालरात्रि का प्रिय है और तीन नेत्रधारी ये हैं। विद्युत् की अद्भुत माला माता कालरात्रि के गले में होती है। खड्ग और कांटा इनके हाथों

नवदुर्गा का सातवां रूप माता कालरात्रि का है। काला रंग मां कालरात्रि का प्रिय है और तीन नेत्रधारी ये हैं। विद्युत् की अद्भुत माला माता कालरात्रि के गले में होती है। खड्ग और कांटा इनके हाथों में है और इनका वाहन गधा है। हमेशा ही अपने भक्तों को मां कालरात्रि कल्याण करती हैं। हालांकि शुभंकरी भी इन्हें कहा जाता है। मंगलवार 31 मार्च यानी आज मां के सातवें रूप की पूजा की जा रही है।
क्या लाभ है इनकी उपासना के?

-इनकी उपासना शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए की जाती है। शास्‍त्रों में इनकी पूजा को शुभ माना गया है। 
-भय, दुर्घटना तथा रोगों का नाश इनकी उपासना से होता है। 
-नकारात्मक ऊर्जा का असर इनकी उपासना से नहीं होता है। 
-इनकी पूजा ज्योतिष में शनि नाम के ग्रह को नियंत्रित करने का परिणाम अदभुत होता है। 
किस चक्र से है मां कालरात्रि का सम्बन्‍ध?

-व्यक्ति के सर्वोच्च चक्र, सहस्‍त्रार को मां कालरात्रि नियंत्रित करती हैं। 
-अत्यंत सात्विक यह चक्र व्यक्ति को बनाता है साथ ही देवत्क तक भी लेकर जाता है। 
-जो व्यक्ति इस चक्र तक पहुंच जाता है वह ईश्वर हो जाता है। 
-गुरु का ध्यान इस चक्र पर करते हैं। 
-दरअसल कोई मंत्र इस चक्र का नहीं होता है। 
-इस चक्र पर अपने गुरु का ध्यान नवरात्रि के सातवें दिन जरूर करें।
पूजा विधि मां कालरात्रि की क्या है?

-घी का दीपक मां के समक्ष जलाएं।
-लाल फूल मां को समर्पित करें और गुड़ का भोग उन्हें लगाएं।
-नवरात्रि के सातवें दिन मां के मन्‍त्रों का जाप या सप्तशती का पाठ करें।
-मां को जो गुड़ का भोग लगाया है वह परिवार में बांट दें। 
-किसी ब्राह्मण को बाकी आधा गुड़ दान कर दें। 
-पूजा काले रंग के वस्‍त्र पहनकर नहीं करनी चाहिए या  किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के मन से न करें। 
मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए

-मां कालरात्रि की पूजा रात के समय श्वेत या लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें।
-दीपक मां के समक्ष जलाएं और भोग में गड़ अर्पित करें। 
-नवार्ण मंत्र उसके बाद 108 बार तक पढ़ें और साथ में लौंग एक-एक चढ़ाते जाएं।
-नवार्ण मंत्र- ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।
-उसके बाद अग्नि में 108 लौंग इकट्ठा करके डाल दें। 
-ऐसा करने से व्यक्ति के शत्रु और विरोधी शांत हो जाएंगे।
क्या विशेष प्रसाद मां कालरात्रि को चढ़ाना चाहिए?

-गुड़ का भोग मां कालरात्रि को चढ़ाएं।
-उसके बाद गुड़ का प्रसाद सब में वितरित कर दें। 
-अत्यंत उत्‍तम आप सकका स्वास्‍थ्य रहेगा। 
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