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चैत्र नवरात्रि 2022 : किस तारीख से शुरू हो रहे हैं, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

सालभर में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र और शारदीय नवरात्रि। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है।

09:28 AM Mar 22, 2022 IST | Desk Team

सालभर में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र और शारदीय नवरात्रि। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है।

सालभर में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र और शारदीय नवरात्रि। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है। इन पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की भव्य तरीके से पूजा की जाती है। ये पूरे नौ दिन मां देवी को समर्पित होते हैं। नवरात्रि का त्योहार साल में 4 बार मनाया जाता है लेकिन इनमें सबसे प्रमुख चैत्र और शारदीय नवरात्रि होते हैं। 
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इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल (शनिवार के दिन) से शुरू हो रहे है जो 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। नवरात्रि में भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का खास महत्व होता है। इस दिन मां के खास वाहन का भी बहुत महत्व होता है। हर नवरात्रि में मां अपने अलग-अलग वाहन से आगमन करती हैं।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त – चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसके बाद हर दिन देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। घटस्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है। इस बार कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल को सुबह 06:10 बजे से 08:29 बजे तक है। कुल अवधि 2 घंटे 18 मिनट की है।
कलश स्थापना विधि – चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें। फिर मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें। इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें और इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें।
हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद पावन पर्व माना गया है। इन नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजन का विधान है। वहीं दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरा चंद्रघंटा, चौथा कूष्मांडा, पांचवां स्कंदमाता, छठवां कात्यायनी, सातवां कालरात्रि, आठवां मां महागौरी और नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। 
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